शिमला, 19 अगस्त (हप्र)
कोलकाता में डॉक्टर के रेप एंड मर्डर मामले के विरोध में हिमाचल प्रदेश में आज लगातार तीसरे दिन अस्पतालों के दरवाजे मरीजों के लिए बंद रहे। इसके चलते राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं और लोग इलाज के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हो रहे हैं। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि मरीजों को निजी क्षेत्र में भी इलाज नहीं मिल रहा है क्योंकि इन अस्पतालों के डॉक्टर भी हड़ताल पर हैं। डॉक्टरों की हड़ताल की वज़ह से ओपीडी नहीं लग रही है और मरीज परेशान हैं। डॉक्टर राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल प्रोटेक्शन एक्ट और राज्य स्तर पर स्टेट हेल्थ प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग कर रहे हैं। राज्य चिकित्सक अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राणा ने कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर देश भर में डॉक्टर हड़ताल पर हैं। हिमाचल प्रदेश में भी डॉक्टर ओपीडी में नहीं बैठ रहे हैं, लेकिन आपातकालीन सेवाएं चल रही हैं। डॉक्टरों की मांग है कि राज्य सरकार प्रदेश के अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा
सुनिश्चित करे।
इस बीच, हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ की बैठक आज ऑनलाइन माध्यम से आयोजित की गई। हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ के महासचिव डॉक्टर विकास ठाकुर ने कहा कि इस बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि मंगलवार 20 अगस्त को संघ के सभी सदस्य आपातकालीन सेवाएं ही प्रदान करेंगे। बैठक में कहा गया कि संघ प्रदेश और देश के अन्य चिकित्सक संगठनों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है और चिकित्सकों की सुरक्षा एवं केंद्रीय और स्टेट हेल्थ प्रोटेक्शन एक्ट की मांग को पूरा किए जाने की अपेक्षा
करता है।
आईजीएमसी शिमला के डॉक्टर के संगठन के अध्यक्ष डॉक्टर बलवीर सिंह वर्मा और डॉक्टर पीयूष कपिल ने कहा कि अस्पताल में 20 अगस्त को भी ओपीडी और ऑपरेशन थियेटर पूरी तरह बंद रहेंगे। हालांकि अस्पताल में डॉक्टर इमरजेंसी सेवाएं देते रहेंगे। उन्होंने कहा कि यदि डॉक्टरों की सुरक्षा संबंधी मांगों को सरकार तुरंत नहीं मानेगी तो संगठन सामूहिक अवकाश जैसा कदम उठाकर आंदोलन को और तेज करेगा। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी शिमला के सभी डॉक्टर 20 अगस्त को अस्पताल से लेकर प्रदेश सचिवालय तक शांति मार्च भी निकलेंगे और संबंधित अधिकारियों को डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपा जाएगा।
आईजीएमसी हॉस्टल प्रकरण सुरक्षा चूक के लिए सरकार जिम्मेदार
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि आईजीएमसी शिमला हॉस्टल में हुए हादसे में सुरक्षा चूक हुई है। उन्होंने कहा कि इसमें सरकार और प्रशासन की लापरवाही साफ़ है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस हादसे की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए।