शिमला, 19 अगस्त (हप्र)
हिमाचल प्रदेश में मानसून की भारी वर्षा का क्रम लगातार जारी है। बीते 24 घंटे के दौरान राज्य में कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हुई। राज्य में हो रही मानसून की वर्षा से 146 सड़कें बंद हो गई हैं और बिजली के 310 ट्रांसफार्मर भी ठप हैं। मौसम विभाग ने बुधवार तक राज्य के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है और बागानों, फसलों और कच्चे घरों को नुकसान की संभावना के प्रति आगाह किया है। प्रदेश में आज भी अधिकांश स्थानों पर मानसून की भारी वर्षा हुई।
हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार अचानक बाढ़ और भूस्खलन सहित बारिश से संबंधित घटनाओं के कारण शिमला में 48, मंडी में 43, कुल्लू में 33, कांगड़ा में 10, सोलन में पांच, सिरमौर में तीन, किन्नौर में दो, ऊना और बिलासपुर जिले में एक-एक सड़क बंद है। प्राधिकरण ने कहा कि भारी बारिश के कारण राज्य में 310 बिजली ट्रांसफार्मर और 20 जलापूर्ति योजनाएं भी बाधित हैं।
मौसम विभव के अनुसार बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश में नैना देवी में सबसे अधिक 142.6 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा बैजनाथ में 120 मिमी, गुलेर में 78.4 मिमी, घाघस में 60.4 मिमी, बिलासपुर में 60.2 मिमी, जोगिंदरनगर में 57 मिमी, भराड़ी में 50.4 मिमी, पालमपुर में 47 मिमी, कांगड़ा में 44 मिमी और धर्मशाला में 42.6 मिमी बारिश दर्ज की गई।
अभी तक सामान्य से 22 प्रतिशत कम बारिश
हिमाचल प्रदेश में इस मानसून में अभी तक सामान्य से 22 प्रतिशत कम बारिश हुई है। औसत 535.4 मिमी बारिश के मुकाबले मौजूदा मानसून सीजन के दौरान राज्य में अभी तक 418 मिमी बारिश ही हुई है। राज्य में 27 जून से 19 अगस्त तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 122 लोगों की मौत हुई है और करीब 1,140 करोड़ रुपये का सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार 22 अगस्त से राज्य में मानसून की रफ्तार धीमी पड़ेगी।
शिमला में भारी भूस्खलन, बाल-बाल बचे लोग
राजधानी शिमला में सोमवार सायं करीब चार बजे भारी भूस्खलन से लोग सहम गए। भूस्खलन की यह घटना शहर की मुख्य सड़क पर एमएलए क्रासिंग के पास कालका-शिमला हाईवे से सटी बालूगंज सड़क पर हुई। यहां पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा और पेड़ सड़क पर गिर गए। गनीमत यह रही कि पहाड़ी के धीरे-धीरे दरकने के चलते चालकों ने अपने वाहन पीछे ही रोक दिए अन्यथा बड़ा हादसा पेश आ सकता था। इस भूस्खलन से उपनगर बालूगंज को जाने वाली सड़क पूरी तरह बंद हो गई है और वाहनों की आवाजाही बाया चक्कर की जा रही है। जिस जगह भूस्खलन हुआ, वहां रेन शेल्टर भी है। इसके अलावा बसों का स्टॉपेज भी है। बालूगंज, समरहिल और टूटू सहित निचले हिमाचल के लिए भी इसी सड़क से आवाजाही होती है। पुलिस के अनुसार भूस्खलन से किसी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ है और घटनास्थल पर अभी और भूस्खलन की आशंका बनी हुई है, क्योंकि पहाड़ी से मलबा धीरे-धीरे गिर रहा है। और मलबा आने की स्थिति में रेन शेल्टर तबाह हो जाएगा। पुलिस ने भूस्खलन की आशंका से सड़क के आसपास की जगह को आवाजाही के लिए बंद कर दिया है।