चंडीगढ़, 19 अगस्त (ट्रिन्यू)
पंजाब विश्वविद्यालय के गांधीवादी और शांति अध्ययन विभाग में दलाई लामा विजिटिंग चेयर की स्थापना के लिए दलाई लामा के फाउंडेशन फॉर यूनिवर्सल रिस्पॉन्सिबिलिटी (एफयूआर) और पंजाब विश्वविद्यालय के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
कुलपति प्रो. रेनू विग ने कहा कि इस प्रतिष्ठित दलाई लामा विजिटिंग गेस्ट स्पीकर चेयर की स्थापना का मुख्य उद्देश्य दार्शनिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक अध्ययन के प्रसार के लिए भारत-तिब्बत सभ्यता की विरासत को बढ़ावा देना और संरक्षित करना है।
चेयर दलाई लामा की शिक्षाओं और दर्शन का प्रसार करेगा और छात्रों, शिक्षकों और व्यापक समुदाय के बीच आलोचनात्मक सोच और आत्म-चिंतन को बढ़ावा देगा। इसके जरिये विशेष रूप से समसामयिक मुद्दों पर बौद्ध प्रतिक्रिया, तिब्बती और पाली बौद्ध ग्रंथों का अध्ययन, तिब्बती बौद्ध कला और वास्तुकला, बौद्ध दर्शन का प्रचार होगा।
गांधीवादी और शांति अध्ययन विभाग की अध्यक्ष प्रो. आशु पसरीचा ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन दलाई लामा पर अध्ययन कर पता लगाएगा कि अहिंसा, शांति के महत्वपूर्ण विषय पर उनका व्यक्तिगत योगदान क्या है।
पंजाब विश्वविद्यालय के विजिटिंग प्रोफेसर कार्यक्रम के तहत दलाई लामा चेयर युवा आवाजों से लेकर अनुभवी ज्ञान प्रकट करने वाले विभिन्न संबंधित क्षेत्रों के विश्वसनीय विजिटिंग विद्वानों को आमंत्रित करेगा।
अकादमिक संवाद सेमिनारों, वाद-विवादों के माध्यम से अध्यक्ष सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देगा।