फरीदाबाद, 19 अगस्त (हप्र)
वीर योद्धाओं व राजा नाहर सिंह की रियासत की धरा फरीदाबाद का इतिहास बताता है। यहां से उठी क्रांति की मुहिम को कामयाबी पर पहुंचाती है। हरियाणा प्रदेश की अपनी जमीन पर अपनी राजधानी और अलग हाईकोर्ट बनाने की मांग का अभियान रविवार को लघुसचिवालय, एचएसवीपी ग्राउंड, जवाहर कालोनी, डबुआ कालोनी तथा जिला नागरिक अस्पताल मीडिया हाउस में आयोजित बैठक में शामिल नागरिकों ने एक स्वर में मांग का समर्थन करते हुए अपने हक और अधिकार को लेने की हुंकार भरी। आयोजित कार्यक्रमों में विद्वान वक्ता मा. अमीचन्द, रघु वत्स, बीरेंद्र कुमार, सुंदर सिंह, कुलदीप कौशिक, ओमपाल सिंह, मनोज कुमार, राजेश शर्मा, सुनील कुमार, देवेन्द्र कुमार ने कहा कि अलग राजधानी, अलग हाईकोर्ट की मुहिम जन-जन तक पहुंच चुकी है। अब प्रदेश के लोग इसके लिए उठ खड़े हुए हैं। अपना स्वाभिमान, अपना हक अलग राजधानी अलग हाईकोर्ट हासिल कर ही दम लेंगे। यह मुहिम हरियाणा प्रदेश अलग होने के बाद पहली मुहिम है। हरियाणा देश एकमात्र राज्य है जिसकी पहचान खेल, शिक्षा, खेती और अपनी भाषा व परिधान के रूप में अर्जित हुई है, लेकिन अपनी जमीं पर स्वतंत्र अपनी राजधानी व अलग हाईकोर्ट नहीं होने की वजह से हमारी पहचान विश्व के मानचित्र पर दर्ज नहीं हुई है। अलग प्रदेश बनने के 57 वर्ष बाद भी यह गौरव हासिल नहीं हो सका है। यह दंश हरियाणा के लोगों के हितों पर न केवल भारी पड़ रहा है बल्कि हमारे अधिकारों को कचोटता है। इस दंश को मिटाने के लिए जन सहयोग बन रहा है। प्रदेश के लोग संयुक्त राजधानी व हाईकोर्ट होने से नुकसान उठा रहे हैं। अपनी अलग राजधानी, अलग हाईकोर्ट अभियान की संयोजक बिमला चौधरी ने उपस्थित लोगों के समक्ष अपने विचार व्यक्त कर कार्यक्रम में मौजूद प्रबुद्ध नागरिकों ने एक स्वर में अभियान का समर्थन किया और विश्वासन दिलाया की जरूरत पडऩे पर वह किसी भी आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे।