तरुण जैन/हप्र
रेवाड़ी, 19 अगस्त
राजस्थान के सरिस्का से भाग कर रेवाड़ी में घुसे टाइगर की सोमवार की सुबह 5:30 बजे पहली झलक दिखाई दी, जब वह झाबुआ वन क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। इस टाइगर को लेकर ग्रामीणों व लोगों में भारी भय व्याप्त है। यदि यह झाबुआ वन क्षेत्र से बाहर निकला तो खतरनाक साबित हो सकता है।
राज्य सरकार ने बावल उपमंडल के गांव झाबुआ में मोर व चिंकारा प्रजनन केन्द्र स्थापित किया हुआ है। इस 748 एकड़ के विशाल भूखंड को आरक्षित वन क्षेत्र भी घोषित किया हुआ है। यहां बड़ी संख्या में चिंकारा, हिरण, नील गाय, जंगली सूअर विचरण करते हैं। यही कारण है कि यहां शिकार के लिए उसे पर्याप्त खुराक मिल रही है और शिकार करने के बाद वह आराम फरमाता है। अभी तक इस टाइगर कर चर्चा सुनी थी, लेकिन सोमवार को उसकी पहली झलक सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई। जिससे उसके यहां होने की पुष्टि हो गई। उसके पद चिन्ह भी वन क्षेत्र में मिले हैं। वन्य प्राणी विभाग के अधिकारियों का मानना है कि यदि टाइगर इस वन क्षेत्र को छोड़ता है तो मानव के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसीलिये विभाग के अधिकारी टाइगर की पल-पल की मूवमेंट में नजर रखे हुए हैं। यहां से निकलने के बाद टाइगर के निकटवर्ती गांव भटसाना व जड़थल की ओर जाने की संभावना बताई जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि यदि टाइगर को पर्याप्त मात्रा में शिकार उपलब्ध होता है तो वह लंबे समय तक यहां टिक सकता है। उन्होंने कहा कि सरिस्का के अधिकारियों ने बताया कि इस टाइगर की संख्या 2302 है। उन्होंने कहा कि यह टाइगर जब सरिस्का से भागा तो राजस्थान के गांव मुंडावर क्षेत्र के पांच लोगों को हमला कर घायल कर चुका है। झाबुआ पहुंचे सरिस्का के रेंज अधिकारी शंकर सिंह शेखावत आधा दर्जन वाहनों के साथ टाइगर को पकड़ने के लिए यहां पहुंचे हुए हैं। वे पिंजरा भी साथ लेकर आए हैं और उनके साथ डा. दीनदयाल मीणा व डा. अरविन्द माथुर आदि की टीम भी है। शंकर सिंह ने कहा कि ढाई वर्षीय इस टाइगर की 22 जुलाई से तलाश की जा रही है। इसने 15 अगस्त को मुंडावर के गांव दरबारपुर के खेतों में काम कर किसानों पर हमला किया था। इसके बाद वह झाबुआ वन क्षेत्र पहुंच गया था।
10 सीसीटीवी कैमरे लगाये
झाबुआ के वन जीव रक्षक चरण सिंह, दीपक, बावल रेंज के वन रक्षक अधिकारी प्रेम कुमार ने कहा कि राजस्थान से आई टीम यहां दो दिनों से डेरा डाले हुए है। टाइगर की मूवमेंट को जांचने के लिए अलग-अलग स्थानों पर 10 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। झाबुआ के साथ-साथ आसपास के गांव भटसाना, जड़थल, धारूहेड़ा व खरखड़ा गांवों में रह रहे लोगों में भय व चिंता है। इसके पकड़े जाने के बाद ही लोगों को राहत की सांस मिलेगी।