ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 20 अगस्त
भाजपा नेता और हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि उन्होंने कभी भी किसी पद की आकांक्षा नहीं की है, क्योंकि इसके लिए ‘अक्सर दिल्ली जाना’ पड़ता है और कई दशकों के अपने पूरे राजनीतिक जीवन में उन्होंने शायद ही कभी ऐसा किया हो।
उन्होंने आज यहां ‘द ट्रिब्यून’ के डिजिटल शो ‘डीकोड हरियाणा’ के लिए गीतांजलि गायत्री और प्रदीप शर्मा के साथ एक साक्षात्कार के दौरान यह बात कही। इस साल मार्च में मनोहर लाल खट्टर के उत्तराधिकारी के रूप में नायब सिंह सैनी के नाम की घोषणा के बाद पद छोड़ने से पहले एक सक्रिय मंत्री के रूप में देखे जाने वाले विज ने कहा, ‘मैंने कभी भी मुख्यमंत्री बनने की कोई आकांक्षा नहीं पाली। मुख्यमंत्री पद के लिए आपको (पार्टी आलाकमान के पास) लॉबिंग करनी पड़ती है। मैंने कभी किसी पद के लिए लॉबिंग नहीं की। यहां तक कि विधायक का पद भी मुझे जोर देकर सौंपा गया था।’ पार्टी द्वारा नजरअंदाज करने और उनसे काफी जूनियर सैनी को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में पदोन्नत किये जाने पर एक सवाल का जवाब देते हुए विज ने यह बात कही। विज ने कहा कि वह अंबाला में एक बैंक में काम करने के दौरान सबसे ज्यादा खुश थे और पार्टी की गतिविधियों के लिए भी ज्यादा समय निकाल पाते थे। उन्होंने कहा, ‘नौकरी छोड़ना सबसे अफसोसजनक रहा।’
सैनी सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल नहीं होने पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए और इस धारणा को खारिज करते हुए कि उन्होंने ‘विरोध के तहत’ ऐसा किया, विज ने दावा किया कि उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री से पहले ही आग्रह किया था कि उन्हें मंत्री पद से मुक्त कर दिया जाये, ताकि वे अपने विधानसभा क्षेत्र को अधिक समय दे सकें।
यह मानते हुए कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिलने के लिए अक्सर नयी दिल्ली न जाना उनकी ‘कमजोरी’ है, विज ने स्वीकार किया कि इसके लिए उन्हें राजनीतिक रूप से नुकसान उठाना पड़ा। पूर्व मंत्री ने कहा, ‘मैं किसी खास नेता के साथ नहीं, बल्कि भाजपा की विचारधारा से जुड़ा हूं।’
यह दावा करते हुए कि खट्टर के साथ उनके ‘सौहार्दपूर्ण संबंध’ हैं, विज ने यह भी कहा कि लोकतंत्र में उन्हें अपनी राय रखने का अधिकार है। उन्होंने दावा किया कि खट्टर हरियाणा के इतिहास में सबसे अच्छे मुख्यमंत्री रहे हैं। विज ने कहा, ‘उन्होंने सरकारी नौकरियों में भाई-भतीजावाद को खत्म किया, पारदर्शी प्रशासन प्रदान किया और योग्यता के आधार पर नौकरियां दीं।’ उन्होंने कहा कि वह केंद्रीय मंत्री के रूप में केंद्र में एक बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।
सैनी को अपना छोटा भाई करार देते हुए विज ने दावा किया कि नायब सिंह सैनी ने ही उन्हें अम्बाला जिला अध्यक्ष के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि भाजपा राज्य में तीसरी बार सत्ता संभालती है तो वह मंत्री बनने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की भरपूर प्रशंसा की, लेकिन यह टिप्पणी करने से बचते रहे कि क्या वह कभी मुख्यमंत्री बन सकते हैं। विज ने कांग्रेस की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस केवल विभाजनकारी राजनीति जानती है। यह उसके खून में है।’ विधानसभा चुनाव के लिए राज्य में नियुक्त केंद्रीय भाजपा नेताओं की वर्तमान टीम की सराहना करते हुए विज ने कहा कि पार्टी में अच्छे नेताओं की कोई कमी नहीं है।
2014 में मैंने ही अकेले लड़ने की सलाह दी थी
विज ने कहा कि वह एकमात्र नेता थे, जो चाहते थे कि भाजपा 2014 का चुनाव अकेले लड़े। उन्होंने कहा, ‘आखिरकार, पार्टी सहमत हुई और भाजपा ने मोदी लहर पर सवार होकर सरकार बनाई। इस चुनाव में भी भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाएगी।’ विज ने यह भी कहा कि क्षेत्रीय दलों का युग लगभग समाप्त हो गया है। चुनाव के दौरान होने वाली जाति की राजनीति से खुद को पूरी तरह अलग करते हुए विज ने कहा कि भाजपा में जाति का कोई स्थान नहीं है। पूर्व मंत्री ने कहा, ‘मेरी पार्टी ने मुझे हिंदुस्तानी रहना सिखाया है और जो कोई भी जाति के आधार पर बात करता है उसे बाहर निकाल दिया जाता है।’