शिमला, 21 अगस्त (हप्र)
हिमाचल भाजपा से राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर अगली सुनवाई वीरवार 22 अगस्त को भी जारी रहेगी। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हर्ष महाजन द्वारा मामले की सुनवाई 3 सितम्बर तक स्थगित करने से जुड़े आवेदन को खारिज कर दिया। प्रार्थी सांसद हर्ष महाजन ने मामले से जुड़ी ताजा परिस्थितियों के मद्देनजर सुनवाई स्थगित करने की गुहार लगाई थी। प्रार्थी का कहना था कि याचिकाकर्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने हाल ही में तेलंगाना से राज्यसभा सांसद हेतु नामांकन दाखिल किया है। इस चुनाव के लिए आज नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन है और अभी तक किसी ने उनके खिलाफ कोई नामांकन दाखिल नहीं किया है। इस सूरत में 2 सितम्बर को उनके तेलंगाना राज्य से निर्विरोध राज्यसभा सांसद चुने जाने की प्रबल संभावना है। यदि याचिकाकर्ता को तेलंगाना से निर्विरोध चुन लिया जाता है तो हिमाचल हाईकोर्ट में दायर उनकी याचिका अव्यवहारिक हो जायेगी। मनु सिंघवी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चिदंबरम ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पैरवी करते हुए आवेदन का विरोध किया। उनका कहना था कि यदि वह तेलंगाना से राज्यसभा सांसद चुने गए और यदि हिमाचल हाईकोर्ट से चुनाव याचिका पर फैसला उनके पक्ष में आया तो यह उनके विवेक पर निर्भर करेगा कि वे किस राज्य से राज्यसभा सांसद बने रहना चाहेंगे। इसलिए चुनाव याचिका पर मेरिट के आधार पर निर्णय की मांग की गई थी।
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के पश्चात प्रार्थी हर्ष महाजन के मामले पर सुनवाई स्थगित करने वाले आवेदन को खारिज कर दिया। इसके बाद इस मामले में हर्ष महाजन द्वारा चुनाव याचिका को गुणवताहीन ठहराने की मांग वाले आवेदन पर बहस शुरू हुई। कोर्ट ने बुधवार को बहस पूरी न होने पर सुनवाई वीरवार को भी जारी रखने के आदेश पारित किए। न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ के समक्ष इस मामले पर सुनवाई हुई।
सिंघवी ने राज्यसभा चुनाव में वोटिंग की बराबरी के बाद पर्ची सिस्टम से निकाले गए परिणामों को चुनौती दी है। प्रार्थी सिंघवी के अनुसार इस चुनाव के दौरान कानूनी प्रक्रिया की अनुपालना नहीं की गई और भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन को विजयी घोषित कर दिया। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार राज्यसभा वोटिंग में दोनों ही उम्मीदवारों को 34-34 वोट प्राप्त हुए थे। इसके बाद पर्ची से नाम निकाले गए लेकिन इस पर्ची सिस्टम में जिस तरह से बीजेपी प्रत्याशी को विजेता घोषित किया गया वह गलत है। पर्ची निकलने के हिसाब से जिस उम्मीदवार की जीत होनी चाहिए थी, उससे उल्टा दूसरे उम्मीदवार को जितवाया गया। जो कानूनी रूप से गलत है। इन आरोपों को आधार बनाते हुए प्रार्थी ने हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।