जींद, 21 अगस्त (हप्र)
जींद के निडानी गांव के सीआरपीएफ के शहीद इंस्पेक्टर कुलदीप मलिक का बुधवार को गांव में पूरे सैन्य और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान गांव में कुलदीप मलिक अमर रहे, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगते रहे। शहीद कुलदीप मलिक के बड़े बेटे नवीन ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। डीसी मोहम्मद इमरान रजा रजा, रिटायर्ड डीजीपी महेंद्र सिंह मलिक, सांसद सतपाल ब्रह्मचारी, एसपी सुमित कुमार, जजपा विधायक अमरजीत ढांडा, पूर्व विधायक प्रमेंद्र ढुल, सूरजभान काजल, कांग्रेस नेता वेदपाल भनवाला, नवीन सांगवान ने शहीद के शव पर पुष्पांजलि अर्पित की। शव को मुखाग्नि देने से पहले सीआरपीएफ और जींद पुलिस की टुकड़ी ने शस्त्र झुकाकर और फिर हवा में गोलियां दागकर शहीद कुलदीप मलिक को सलामी दी।
बुधवार सुबह शहीद कुलदीप का पार्थिव शरीर निडानी में उनके घर पहुंचा। सीआरपीएफ अधिकारियों ने शहीद कुलदीप मलिक के बेटे को तिरंगा सौंपा, जिसमें उनके शहीद पिता का शव लाया गया था। कुलदीप की पत्नी लक्ष्मी की आंख के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। शहीद के बेटे नवीन ने कहा कि पिता को खो देने का गम है, लेकिन उनके देश पर शहीद होने का गर्व भी है। सीआरपीएफ इंस्पेक्टर कुलदीप को अपने बेटे नवीन के जन्मदिन पर अगले महीने छुट्टी आना था।
एक बेटा सेना में, दूसरा पुलिस में : शहीद कुलदीप मलिक का एक बेटा नवीन सेना में और दूसरा बेटा संजय रेलवे पुलिस में है। गांव में इंस्पेक्टर कुलदीप मलिक को दीपा पहलवान के नाम से लोग जानते हैं।
सीआरपीएफ के डीआईजी बोले- कुलदीप पर गर्व
सीआरपीएफ के डीआईजी आरके शर्मा ने कहा कुलदीप पर पूरी यूनिट को गर्व है। कुलदीप अपनी टीम का नेतृत्व कर रहे थे। वह सबसे आगे चल रहे थे। आतंकवादियों की फायरिंग में उन्हें गोली लगने के बाद भी कुलदीप ने जवाबी फायरिंग की। इससे उनकी टीम को पोजिशन लेने में मदद मिली और टीम को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। घायल कुलदीप को अस्पताल लाया गया, लेकिन उन्हें बचा नहीं सके। डीआईजी शर्मा ने शहीद की वीरांगना लक्ष्मी और दोनों बेटों को ढाढस बंधाया।