अम्बाला शहर, 21 अगस्त (हप्र)
आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति द्वारा आहूत भारत बंद का अम्बाला में कोई असर नहीं हुआ। सरकारी कार्यालय, व्यापारिक प्रतिष्ठान, शिक्षण संस्थान आदि रोजमर्रा की तरह ही खुले रहे।
बसपा और आजाद समाज पार्टी कांशीराम के नेताओं ने प्रदर्शन करते हुए उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भेज कर अपनी
मांगें रखीं।
बसपा के जिला प्रधान करनैल सिंह नगला और आजाद समाज पार्टी के जिला प्रधान बलदेव सिंह के नेतृत्व में दोनों संगठनों के प्रमुख नेता विजय सिनेमा के पास एकत्र हुए और वहां से उपायुक्त कार्यालय पहुंच प्रशासनिक अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में राष्ट्रपति से अनुसूचित जाति, जनजाति के आरक्षण के संदर्भ में मांगें रखी गई हैं।
ज्ञापन में बताया गया कि बाबा साहब डॉ. भीमराव राम अंबेडकर के अथक संघर्ष से भारत के संविधान में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्गों के स्पष्ट रूप से सामाजिक एवं आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिये आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
आरक्षण की व्यवस्था 15 प्रतिशत अनुसूचित जाति एवं 7.5 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति तथा 27 प्रतिशत अन्य पिछड़े वर्गों के लिये की गई है। इसी के तहत इन वर्गों को शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया जा रहा है। ज्ञापन में कहा गया कि आज तक किसी भी सरकारी विभाग में पूर्ण रूप से आरक्षण का कोटा पूरा नहीं किया गया है।
विगत 1 अगस्त 2024 को सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को आदेशित किया है कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति को मिलने वाले आरक्षण का राज्य सरकारें सर्वे करायें तथा इन जातियों में क्रीमी लेअर को छांटे और वर्गीकरण भी करें।
समिति नेताओं का कहना है कि इस आदेश से अनुसूचित जाति एवं जन जातियों को काफी नुकसान होगा। जातिगत आधार पर लोगों में बंटवारा होगा, द्वेष भावना पैदा होगी, फिर भी आरक्षण का लाभ पूर्ण रूप से इन जातियों को नहीं मिलेगा।
ज्ञापन के माध्यम मांग की गई है कि जातिगत जनगणना करायी जाये। अनुसूचित जाति एवं जन जातियों तथा अन्य पिछडे वर्गों का आरक्षण कोटा सभी विभागों में पूरा किया जाये।
गैर सरकारी संस्थानों में भी आरक्षण व्यवस्था लागू की जाये। जब तक अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्गों का आरक्षण कोटा सभी विभागों में पूरा नहीं होता है तब तक आरक्षण के इस प्रावधान को संविधान की नौवीं सूची में डाल दिया जाये ताकि आरक्षण प्रावधान में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ न हो सके।
समिति ने कहा है कि आंदोलन के दूसरे चरण में 11 सितंबर 2024 को दिल्ली में विशाल धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। आगे भी निरंतर यह आंदोलन जारी रहेगा।