वारसॉ, 22 अगस्त (एजेंसी)
युद्धग्रस्त यूक्रेन की अपनी बहुप्रतीक्षित यात्रा से एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत का दृढ़ता से मानना है कि किसी भी समस्या का समाधान युद्ध के मैदान में नहीं किया जा सकता और भारत शांति एवं स्थिरता बहाल करने के लिए हरसंभव सहयोग देने को तैयार है। मोदी ने पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के साथ व्यापक वार्ता करने के बाद यह बात कही। दोनों नेताओं ने भारत-पोलैंड संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में तब्दील करने का निर्णय लिया।
दोनों पक्षों ने रक्षा, व्यापार, नवीकरणीय ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स, शहरी बुनियादी ढांचे, खाद्य प्रसंस्करण, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और अंतरिक्ष के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का भी संकल्प लिया। मोदी ने कहा, ‘किसी भी संकट में निर्दोष लोगों की जान जाना समूची मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। हम शांति एवं स्थिरता शीघ्र बहाल करने के लिए वार्ता और कूटनीति का समर्थन करते हैं।’ प्रेस वक्तव्य देने के दौरान मोदी के बगल में टस्क भी मौजूद थे। मोदी बुधवार को वारसॉ पहुंचे, जो करीब आधी सदी में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पोलैंड की पहली यात्रा है। मोदी ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि पोलैंड की कंपनियां भारत में बनाए जा रहे मेगा फूड पार्कों में शामिल हों। भारत में तेजी से हो रहे शहरीकरण से जलशोधन, ठोस कचरा प्रबंधन, शहरी बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में हमारे सहयोग के लिए नए अवसर खुल रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम पोलैंड की कंपनियों को ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं।’
व्यक्तिगत प्रतिबद्धता खुशी की बात : टस्क
पोलैंड के पीएम डोनाल्ड टस्क ने कहा, ‘मुझे बहुत खुशी है कि मोदी ने युद्ध की शांतिपूर्ण, न्यायपूर्ण और जल्द समाप्ति के लिए अपनी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता जताई है। हम आश्वस्त हैं कि भारत यहां एक बहुत गंभीर और सकारात्मक भूमिका निभा सकता है।’
दोनों देशों ने माना, यूएन में सुधार की दरकार
मोदी ने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि विभिन्न वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में सुधार वक्त की दरकार है। उन्होंने कहा, ‘मानवता में विश्वास रखने वाले भारत एवं पोलैंड जैसे देशों के बीच इस तरह का और अधिक सहयोग आवश्यक है।’
आज सात घंटे कीव में रहेंगे प्रधानमंत्री
शुक्रवार को पीएम मोदी करीब सात घंटे के लिए कीव में होंगे। वह यूक्रेन की राजधानी के लिए ट्रेन से रवाना हुए। रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच इस यात्रा को बेहद अहम बताया जा रहा है।