शिमला, 23 अगस्त (हप्र)
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सिरमौर जिला में बहुचर्चित केदार सिंह जिंदान हत्याकांड में उम्रकैद भुगत रहे दो दोषियों को बरी कर दिया है। इस मामले में संलिप्त तीसरे आरोपी को भी हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। कोर्ट ने अपीलकर्ताओं को तुरंत रिहा करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने विशेष न्यायाधीश सिरमौर द्वारा अपीलकर्ता जय प्रकाश, गोपाल सिंह और कर्म सिंह की अपीलों को स्वीकार करते हुए यह निर्णय सुनाया।
ट्रायल कोर्ट ने दो अपीलकर्ताओं को केदार सिंह जिंदान की हत्या का दोषी ठहराया था जबकि तीसरे आरोपी को मारपीट करने और साक्ष्य मिटाने के जुर्म में दोषी ठहराया था। इस निर्णय के खिलाफ आरोपियों ने हाईकोर्ट के समक्ष अपील दायर की थी। हाईकोर्ट ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद पाया कि निचली अदालत के समक्ष अभियोजन पक्ष अभियोग साबित करने में नाकाम रहा है। हाईकोर्ट ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद कहा कि किसी आरोपी को तब तक दोषी नहीं ठहराया जा सकता है जब तक उसके खिलाफ पुख्ता सबूत न हो। हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को पलटते हुए कहा कि दुर्भाग्य से ट्रायल कोर्ट ने अप्रासंगिक तथ्यों से प्रभावित होकर कथित आरोपियों को दोषी ठहरा दिया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले के सही और कानूनी प्रावधानों के अनुसार जांच नहीं हुई। कथित तौर पर हत्या में शामिल हथियार तक बरामद नहीं किया गया। शुरू में इस मामले को दुर्घटना बताया गया और बाद में हत्या बताया गया। डॉक्टर के ब्यान में आया कि मृतक ने बहुत ज्यादा शराब पी रखी थी।
उल्लेखनीय है कि 7 दिसम्बर 2018 को सिरमौर जिले के दलित नेता और आरटीआई एक्टिविस्ट केदार सिंह जिंदान की कथित हत्या के आरोप में उपरोक्त तीनों अपीलकर्ताओं को ट्रायल कोर्ट ने 25 नवम्बर 2021 को दोषी ठहराया था।