नयी दिल्ली, 23 अगस्त (एजेंसी)
देश के प्रमुख जलाशयों में कुल जल-भंडारण स्तर में पिछले वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय सुधार हुआ है लेकिन उत्तरी क्षेत्र में पानी की कमी बनी हुई है। इसके चलते आगामी महीनों में पानी की उपलब्धता प्रभावित हो सकती है। उत्तरी क्षेत्र, जिसमें हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान शामिल हैं, में भंडारण स्तर सामान्य से कम है, जहां जलाशयों में उनकी क्षमता का केवल 53 प्रतिशत ही पानी बचा है। यह पिछले वर्ष दर्ज 84 प्रतिशत की तुलना में महत्वपूर्ण गिरावट है।
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने देशभर के 155 जलाशयों की जल संग्रहण स्थिति पर अपनी नवीनतम रिपोर्ट जारी की है। इसमें खुलासा किया गया है कि पिछले वर्ष की तुलना में समग्र जल-भंडारण स्तर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। शुक्रवार को जारी बुलेटिन के अनुसार, इन जलाशयों में उपलब्ध संग्रहण क्षमता 130.800 अरब घन मीटर (बीसीएम) है, जो कुल संग्रहण क्षमता का 72 प्रतिशत है। जल भंडारण पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान दर्ज किए गए 114.657 बीसीएम से उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है, जिससे पता चलता कि वर्तमान भंडारण पिछले वर्ष के स्तर का 114 प्रतिशत है तथा पिछले 10 वर्षों के औसत भंडारण का 112 प्रतिशत है। रिपोर्ट में जल-भंडारण स्तरों में क्षेत्रीय भिन्नताओं पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें कुछ क्षेत्रों में अन्य की तुलना में बेहतर भंडारण स्तर है।