शिमला, 24 अगस्त(हप्र)
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 21 वर्ष पहले गाड़ी की टक्कर से 4 लोगों की मौत से जुड़े मामले में दोषी चालक को सुनाई दो साल कैद की सजा को सही ठहराया है। दोषी को यह सजा गैर इरादतन हत्या का दोषी पाए जाने पर सुनाई गई थी। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने दोषी बंत राम की याचिका को खारिज करते हुए तुरंत ट्रायल कोर्ट कसौली के समक्ष आत्मसमर्पण करने के आदेश जारी किए।
मामले के अनुसार मुनीश शर्मा ने कसौली पुलिस स्टेशन में 19 मार्च 2003 को मामला दर्ज करवाया था कि वह अपने भाई सोहन लाल और अपने दोस्त सौरव कालरा, सोहन लाल, अमित सूद, शिव कुमार के साथ अलग अलग मोटरसाइकलों पर पिंजौर से शीतला माता मंदिर परवाणू जा रहे थे। इसी दौरान जब उनकी मोटरसाइकिलें दत्यार के नजदीक पहुंची तो अचानक दूसरी तरफ से दोषी बंत राम तेज रफ्तार में स्वराज माजदा गाड़ी को चलाते हुए आया और दो मोटरसाकिलों को टक्कर मार दी।
इस टक्कर में गौरव, सौरव कालरा, सोहन लाल और अमित सूद को गंभीर चोटें आई और अंततः उनकी मौत हो गई। मामला दर्ज होने पर दोषी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 279, 304 ए और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 185 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।