करनाल, 24 अगस्त (हप्र)
हमीदा हेड जगाधरी से लेकर पिचौलिया हेड मूनक तक करीब 76 किलोमीटर तक बन रही आवर्धन नहर का निर्माण कार्य अभी पूरा भी नहीं हुआ है, लेकिन नहर के मेन किनारों पर कई जगहों पर दरारें दिखाई देने लगी हैं।
इन दरारों को भरने के लिए नहर के साथ लगते गांवों से मजदूरों को लगाया हैं। निर्माण कार्य पूरा होने से पहले ही करीब 390 करोड़ से बनी नहर में दरारें आना आसपास के किसानों के लिए चिंता का कारण बना हुआ हैं। नहर का कार्य पूरा हुआ भी नहीं ओर मरम्मत शुरू हो गई, जिससे निर्माण कार्य पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
निर्माण कार्य से जुड़े विशेषज्ञों ने बताया कि अगर एक्सपेंशन ज्वाइंट सही होंगे, तराई सही प्रकार से की गई होगी, नियम अनुसार निर्माण सामग्री या मसाला लगाया गया होगा तो दरारें (क्रेक) नहीं आ सकतीं। नहर में जो क्रेक आए हैं, मजदूर उन्हें ओर चौड़ा करके उसमें मसाला भर रहे हैं, लेकिन हैरानी की बात ये कि नहर में आगामी 2 से 3 दिनों में पानी छोड़ा जाएगा। लोगों ने आरोप लगाए कि नहर में अभी से ही क्रेक आना बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहा है। लोगों ने सवाल उठाये हैं कि 390 करोड़ से बन रही नहर में क्रेक क्यों आए?
क्या घटिया निर्माण लगाई गई? पानी की तराई सही प्रकार से की गई या नहीं? क्या विभाग द्वारा सैपलिंग करवाई गई? लोगों ने सरकार से मांग की है कि सरकार को जांच टीम बिठानी चाहिए। उधर सिंचाई विभाग के एसई आजाद लठवाल ने बताया कि नहर पर निमार्ण कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है, मरम्मत नहीं करवाई जा रही है। 2 से 3 दिन में नहर में छोड़ा जाएगा।
पहले भी बह गया था, सौ मीटर का हिस्सा
11 अगस्त को करनाल के गांव कलवेहड़ी सुभरी के नजदीक से गुजर रही आर्वधन नहर का 100 मीटर से ज्यादा का हिस्सा पानी के बहाव में बह गया था। तब भी निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। किनारा क्यों टूट गया, इस पर कोई जांच नहीं बिठाई गई। इस बारे में एसई ने कहा कि किनारों की मिट्टी बह गई थी, इसी वजह से ऐसा हुआ था। नहर का निर्माण कार्य वर्ष 2023 में पूरा होना था, लेकिन काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया है।