पिंजौर, 24 अगस्त (निस)
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हूडा) ने पिंजौर अर्बन कांप्लेक्स सेक्टर 28 में लोगों की सुविधा के लिए एक ही छत के नीचे कालका के सभी उपमंडल कार्यालयों को लाने के उद्देश्य से प्रस्तावित लघु सचिवालय और ज्यूडिशियल कांप्लेक्स कालका का निर्माण कार्य प्रशासनिक अनदेखी के चलते लटकने के मामले में हाईकोर्ट में दायर याचिका पर अब अपना जवाब दाखिल करते हुए बताया कि नियमानुसार 25 प्रतिशत राशि जमा न करवाने के चलते ही अलॉटमेंट रद्द हुई थी परंतु अब हूडा ने सेक्टर 28 में 7.94 एकड़ जमीन कालका के ज्यूडिशियल कॉम्प्लेक्स और 10.26 एकड़ जमीन मिनी सचिवालय भवन निर्माण के लिए अलॉट कर दी है। बता दें कि एडवोकेट विजय बंसल ने प्रशासनिक एवं सरकारी अनदेखी के कारण दोनों भवनों के निर्माण कार्य में देरी करने के विषय में गत वर्ष हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर भवनों का शीघ्र निर्माण करने के लिए संबंधित विभाग को निर्देश देने की मांग की थी। विजय बंसल ने बताया कि हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया था। हालांकि प्रदेश सरकार द्वारा जवाब दाखिल कर दिया गया था लेकिन हूडा ने अब तक जवाब दाखिल नहीं किया था। हाईकोर्ट ने विभाग पर 5 हजार रुपए की कंडीशनल कॉस्ट लगाते हुए मामले की सुनवाई 14 अगस्त को निश्चित की थी। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण ने अपने जवाब में बताया है कि भवनों के लिए जमीन बढ़ाकर अलाट कर दी गई है लेकिन गृह एवं जेल विभाग द्वारा नियमानुसार 25 प्रतिशत राशि जमा न करवाने के चलते जमीन की अलाटमेंट को रद्द किया गया था। अब पुनः रिवाइज्ड डिमार्केशन प्लान मंजूर किया गया है। उक्त भवनों के निर्माण का कार्य उनकी सीमा से बाहर है। मामले में अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी। विजय बंसल की ओर से एडवोकेट दीपांशु बंसल व एडवोकेट सजल बंसल ने कोर्ट के समक्ष पक्ष रखा। याचिकाकर्ता ने खंडपीठ को बताया कि फिलहाल ज्यूडिशियल कॉम्पलेक्स मार्किट कमेटी के सब यार्ड कालका के कार्यालय में अस्थायी रूप से कार्यरत है जहां अधिवक्ताओं एवं आम लोगों के लिए कोई स्थायी सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है क्योंकि न्यायिक परिसर में वकीलों के चैंबर नहीं हैं, न लिटिगेंट हाल है, न बार रूम और न ही लाइब्रेरी है। पार्किंग की भी पर्याप्त जगह नहीं है।