जुपिंदरजीत सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 24 अगस्त
नवंबर 2016 के सनसनीखेज नाभा जेल ब्रेक मामले के मास्टर माइंड रमनजीत रोमी को हांगकांग से प्रत्यर्पण कर भारत लाने के साथ ऑपरेशन ‘ब्रूस ली’ पूरा हो गया। ऑपरेशन की गोपनीयता बनाए रखने के लिए ही इस कोड की जानकारी कुछ ही अधिकारियों को थी। इस बात का खुलासा पंजाब पुलिस के तीन अधिकारियों ने ट्रिब्यून के शो डीकोड में किया।
पंजाब पुलिस के तीन अधिकारियों एआईजी गुरमीत सिंह चौहान, एआईजी हरविंदर सिंह विर्क और डीएसपी बिक्रमजीत सिंह बराड़ ऑपरेशन ब्रूस ली में शामिल थे। तीनों अधिकारियों ने बताया कि कैसे पुलिस ने गैंगस्टरों और आतंकवादियों को पकड़ने या बेअसर करने के लिए उनके खिलाफ ऐसे कई ऑपरेशनों के कोड नाम तैयार किए। अधिकारियों ने दावा किया है इन ऑपरेशनों के चलते ही अब पंजाब की धरती पर गैंगस्टर सक्रिय नहीं है, बल्कि विदेश से काम कर रहे हैँ।
एआईजी जीएस चौहान ने कहा कि गैंगस्टर कनाडा, अमेरिका और अन्य देशों से पंजाब स्थित लोगों को जबरन वसूली के लिए कॉल कर रहे थे। कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार में गैंगस्टरों को निशाना बनाने के लिए संगठित अपराध नियंत्रण इकाई (ओसीसीयू) का गठन किया था। बाद में, यह मुख्यमंत्री भगवंत मान सरकार में एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) में विकसित हुआ। डीजीपी गौरव यादव की देखरेख में एडीजीपी प्रोमोद बान के नेतृत्व में इसने गैंगस्टरों पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की। इसका ऐसा प्रभाव पड़ा है कि पंजाब की धरती पर कोई भी गैंगस्टर सक्रिय नहीं है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि गैंगस्टरों के 350 सोशल मीडिया अकाउंट, जिनका इस्तेमाल गैंगस्टरों को लुभाने के लिए किया गया था, पंजाब पुलिस के आदेश पर निष्क्रिय कर दिए गए हैं। एआईजी विर्क ने कहा कि हम अन्य देशों में गैंगस्टरों का पीछा कर रहे हैं और उम्मीद है कि उन देशों में राजनीतिक समर्थन के साथ, हम उनका पता लगा लेंगे और उन्हें यहां लाएंगे।
गोल्डी, अनमोल बिश्नोई से पूछताछ जरूरी
अधिकारियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण मामलों में से एक है सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड। अधिकारियों ने कहा कि हालांकि कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है लेकिन जब तक कनाडा और अमेरिका में रहने वाले गोल्डी बराड़ और अनमोल बिश्नोई से पूछताछ नहीं की जाती, जांच पूरी नहीं होगी।