नयी दिल्ली/कोलकाता, 25 अगस्त (भाषा)
Kolkata Doctor Case: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में इसके पूर्व प्राचार्य संदीप घोष, पूर्व चिकित्सा अधीक्षक सह उप प्राचार्य (एमएसवीपी) संजय वशिष्ठ और 13 अन्य लोगों के कोलकाता में एवं उसके आसपास स्थित परिसरों में रविवार को छापे मारे।
सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई भी मरीजों की देखभाल और प्रबंधन के लिए सामग्री की आपूर्ति से जुड़े लोगों के आवासों और कार्यालयों पर छापे मार रही है। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी के कम से कम सात अधिकारी सुबह आठ बजे से घोष से बेलियाघाटा स्थित उनके आवास पर पूछताछ कर रहे हैं, जबकि अन्य अधिकारी वशिष्ठ एवं चिकित्सा प्रतिष्ठान के फोरेंसिक विभाग के एक और प्रोफेसर समेत अन्य से पूछताछ कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय बलों के एक बड़े दल के साथ सुबह करीब छह बजे घोष के आवास पर पहुंची सीबीआई की टीम को करीब डेढ़ घंटे तक इंतजार करना पड़ा, जिसके बाद पूर्व प्राचार्य ने दरवाजा खोला। सीबीआई अधिकारियों के एक अन्य दल ने अस्पताल में पूर्व प्राचार्य के कार्यालय पर भी छापा मारा और वह शैक्षणिक भवन की कैंटीन (भोजनालय) में भी गया।
मेडिकल कॉलेज नौ अगस्त को इसके सम्मेलन कक्ष में एक परास्नातक प्रशिक्षु चिकित्सक से कथित बलात्कार और उसकी हत्या की घटना के बाद से सुर्खियों में बना हुआ है। इस मामले में आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया है। इस जघन्य अपराध के विरोध में देशभर में चिकित्सकों और आम नागरिकों ने प्रदर्शन किए हैं। कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई ने हत्या के साथ-साथ कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले भी दर्ज किए हैं।
आरजी कर अस्पताल के पास लागू निषेधाज्ञा की अवधि 31 अगस्त तक बढ़ाई गई
उधर, कोलकाता पुलिस ने सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के निकट लागू निषेधाज्ञा की अवधि को एक और सप्ताह के लिए यानी 31 अगस्त तक बढ़ा दिया है। निषेधाज्ञा पहली बार 18 अगस्त को लागू की गई थी, जिसके तहत निर्दिष्ट क्षेत्र में पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध है।
कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा कि बेलगछिया रोड-जे के मित्रा क्रॉसिंग से लेकर उत्तर कोलकाता के श्यामबाजार ‘फाइव-पॉइंट क्रॉसिंग’ के कुछ हिस्सों तक भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 (2) लागू की गई है। निषेधाज्ञा की अवधि बढ़ाए जाने का उद्देश्य क्षेत्र में किसी भी प्रकार के उपद्रव को रोकना और शांति एवं व्यवस्था बनाए रखना है।