चंडीगढ़, 25 अगस्त (ट्रिन्यू)
पंजाब विश्वविद्यालय के फाॅरेंसिंक विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. जेएस सहरावत फॉरेंसिक मानव विज्ञान के क्षेत्र में एक शोधकर्ता/विद्वान के रूप में यूरोपियन एसोसिएशन ऑफ आर्कियोलॉजी (ईएए) के 30वें वार्षिक वैज्ञानिक सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। 28 अगस्त से 1 सितंबर तक रोम के सैपिएन्ज़ा विश्वविद्यालय में यह सम्मलेन आयोजित किया जा रहा है। डॉ. सहरावत को अजनाला के काला खूह के कंकाल अवशेषों की पहचान रणनीतियों के लिए उनके द्वारा उपयोग की जाने वाली फॉरेंसिक पुरातात्विक विधियों और तकनीकों के महत्वपूर्ण योगदान के बारे में व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया गया है। डॉ. सहरावत अजनाला (अमृतसर) में एक वीरान कुएं से खोदे गए हजारों अज्ञात मानव अवशेषों की जैविक प्रोफाइलिंग के प्रमुख अन्वेषक हैं और इन अवशेषों के एकमात्र वैज्ञानिक पर्यवेक्षक हैं। अपने व्याख्यान में डॉ. सहरावत ‘स्थिर आइसोटोप के माध्यम से मानव पहचान को उजागर करना : 1857 के अजनाला कंकाल अवशेषों की पहचान से उदाहरण’ विषय पर अपने नवीनतम शोध पर विचार-विमर्श करेंगे, जो भौगोलिक स्थिति, गतिशीलता मार्गों, आहार और पोषण की स्थिति, व्यावसायिक समानता का आकलन करने में स्थिर आइसोटोप विश्लेषण के उपयोग की पड़ताल करता है। अजनाला के मानव अवशेषों से उनके पिछले भौगोलिक जीवन पथ का पता लगाया गया है। अपनी दूसरी प्रस्तुति में डॉ. सहरावत भारत में फॉरेंसिक पुरातात्विक केसवर्क में स्थिर आइसोटोप अनुसंधान की वर्तमान स्थिति और आगे के रास्ते पर चर्चा करेंगे। डॉ. सहरावत ने कहा, ‘यह सम्मेलन ज्ञान साझा करने, विचारों का आदान-प्रदान करने और सभी सहयोगियों के साथ सहयोग करने के लिए एक अमूल्य मंच प्रदान करता है।’