रायपुर, 25 अगस्त (एजेंसी)
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि मादक पदार्थों का कारोबार ना केवल भारत के लिए चुनौती है, बल्कि यह एक अंतर्राष्ट्रीय समस्या है। उन्होंने कहा कि दृढ़ संकल्प एवं रणनीति के साथ देश इस समस्या से पार पा सकता है। शाह ने छत्तीसगढ़ में मादक पदार्थों के परिदृश्य पर नवा रायपुर में एक बैठक को संबोधित किया। उन्होंने मादक पदार्थों का पता लगाने, नेटवर्क को नष्ट करने, अपराधी को हिरासत में लेने और नशे के आदी लोगों का पुनर्वास करने के चार सूत्रों पर जोर दिया। शाह ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2047 तक देश को नशा मुक्त बनाने का संकल्प किया है। धीरे-धीरे यह 130 करोड़ आबादी का संकल्प बन गया है। नशा मुक्त भारत का संकल्प एक समृद्ध, सुरक्षित और गौरवशाली भारत बनाने में बहुत महत्वपूर्ण है।’ शाह ने कहा, मादक पदार्थों के व्यापार का उद्देश्य ना केवल युवाओं को बर्बाद करना है, बल्कि इससे उत्पन्न अवैध धन का उपयोग राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में भी किया जाता है। केंद्रीय मंत्री ने छत्तीसगढ़ में मादक पदार्थों के उपयोग पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में मादक पदार्थों के दुरुपयोग का प्रतिशत 1.45 है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
सीमापार से पंजाब में ड्रोन, बीएसएफ ने मांगी अतिरिक्त बटालियन
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने मादक पदार्थ और गोलाबारूद के साथ पाकिस्तान की ओर से पंजाब की सीमा में ड्रोन के प्रवेश को रोकने के लिए एक अतिरिक्त बटालियन तैनात करने की मांग की है। अतिरिक्त बटालियन की तैनाती से इस मोर्चे की बेहतर सुरक्षा के लिए करीब 800-900 कर्मी मिलेंगे।
बीएसएफ के पास वर्तमान में, पंजाब की पाकिस्तान से लगी 500 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा की रक्षा के लिए लगभग 20 बटालियन हैं, जिनमें से 18 सीमा पर सक्रिय रूप से तैनात हैं, बाकी को अटारी जांच चौकी और गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक में करतारपुर गलियारे की आवश्यकताओं के मद्देनजर तैनात किया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पंजाब की पाकिस्तान से लगी सीमा पर 2019-20 के आसपास शुरू हुआ ड्रोन का खतरा अमृतसर और तरनतारन सीमावर्ती जिलों में अधिक बना हुआ है।