अम्बाला शहर, 26 अगस्त (हप्र)
भारतीय मजदूर संघ ने सरकार द्वारा घोषित एकीकृत पेंशन प्रणाली का स्वागत करते हुए कई कमियां भी गिनाईं और उन कमियों को दूर करने की आवश्यकता पर बल दिया। भामस ने भारत सरकार से अनुरोध किया कि वह ईपीएस 95 के तहत प्राईवेट फंड वाली न्यूनतम पेंशन को 1000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये करने पर विचार करे, जो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जुड़ा हो तथा आयुष्मान भारत योजना के तहत चिकित्सा लाभ भी प्रदान करे। भारतीय मजदूर संघ के उत्तर क्षेत्र संगठन प्रमुख पवन कुमार ने संघ द्वारा एनपीएस पर उठाए गए मुद्दों को सुलझाने के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि घोषित की गई नई एकीकृत पेंशन योजना पिछले 20 वर्षों से एनपीएस और पुरानी पेंशन योजना की बहाली के खिलाफ आंदोलन के माध्यम से भारतीय मजदूर संघ और राष्ट्रीय सरकारी कर्मचारी परिषद द्वारा सरकार पर लगातार दबाव का यह परिणाम है। उन्होंने बताया कि बीएमएस लगातार मुख्य रूप से पेंशन के रूप में मूल वेतन का 50 प्रतिशत सुनिश्चित करने, पेंशन के साथ महंगाई राहत का प्रावधान करने, न्यूनतम पेंशन 10 हजार रुपये करने और गैर अंशदायी प्रणाली आदि की मांग कर रहा था। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना की जो विशेषताएं रहीं वह एनपीएस में नहीं हैं। उनमें से अधिकांश को नए यूपीएस में मूर्त रूप दिया गया है।
भामस के वरिष्ठ नेता पवन कुमार की माने तो निश्चित रूप से यूपीएस मौजूदा एनपीएस की तुलना में एक बेहतर विकल्प है क्योंकि इसमें 50 प्रतिशत सुनिश्चित पेंशन, महंगाई राहत, पारिवारिक पेंशन, बढ़ी हुई सरकारी पेंशन शामिल है। सरकार का अंशदान 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 18.5 प्रतिशत करना और सेवानिवृत्ति पर अतिरिक्त एकमुश्त भुगतान आदि ये विशेषताएं इसे पुरानी पेंशन योजना के करीब बनाती हैं।