चंडीगढ़, 26 अगस्त (ट्रिन्यू)
लोगों को आगे आकर नेत्रदान का संकल्प लेना चाहिए। मानवता के लिए नेत्रदान करना सबसे बड़ी सेवा है। यह बात सेक्टर 22 में आयोजित नेत्रदान पखवाड़े में डॉ. अशोक शर्मा ने कही। राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा 25 से 8 सितंबर तक चलता है। इसके तहत लोगों को नेत्रदान बारे जागरुक किया जाता है।
इस मौके पर मुख्य अतिथि संजीवनी स्कूल की प्रिंसिपल इंदू लूथरा, इनर व्हील क्लब की पूर्व चेयरपर्सन रेखा मोहन भी मौजूद थीं। डॉ. अशोक शर्मा ने आई बैंकों के सामने गुणवत्तापूर्ण दाता आंखें प्राप्त करने और कॉर्निया ट्रांसप्लांट करने में आने वाली कठिनाइयों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नंगल से उनका एक मरीज दृष्टिहीनता से ग्रस्त था और उन्होंने तीन बार आत्महत्या करने की कोशिश की थी। उन्हें कॉर्निया सेंटर लाया गया, जहां उसका कॉर्निया ग्राफ्टिंग किया गया और वह अच्छी दृष्टि के साथ-साथ आज खुशहाल जीवन जी रहे हैं। इसलिए कॉर्निया ट्रांसप्लांट एक चमत्कार है जो न केवल आंखों की रोशनी बल्कि जीवन भी बचा सकता है। यह केवल नेत्रदान से ही संभव है। डॉ. अशोक शर्मा ने बताया कि भारत में 60 लाख कॉर्निया दृष्टिहीन लोग हैं। हम प्रतिवर्ष लगभग 28,000 कॉर्नियल ग्राफ्ट कर रहे हैं और हर वर्ष 25,000 से 30,000 नए मामले जुड़ रहे हैं। इस पृष्ठभूमि की जानकारी के अनुसार, आने वाले वर्षों में दृष्टिहीन की देखभाल के लिए भारत को लगभग 2 लाख अच्छी गुणवत्ता वाले दाता नेत्रों की आवश्यकता है।