रविंदर शर्मा/निस
बरनाला, 27 अगस्त
भारतीय किसान यूनियन उगराहां नयी कृषि नीति को लेकर 1 सितंबर से 5 सितंबर तक चंडीगढ़ में विधानसभा सेशन के साथ मोर्चा लगायेगी। इसे किसान खेती नीति मोर्चे का नाम दिया गया है। इस दौरान सरकार पर खेती के लिए नीति बनाने का दबाव बनाया जाएगा। इसकी तैयारी के तहत जिले के गांव चीमा में मीटिंग की गई।
यूनियन के प्रदेश प्रधान जोगिंदर सिंह उगराहां, उपप्रधान झंडा सिंह जेठुके ने कहा कि मोर्चे को लेकर गांव स्तर पर बसों का प्रबंध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि खेती नीति बनाना अब समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिस तरह कॉर्पोरेट घरानों के कर्ज माफ किए गए हैं, उसी तरह किसानों के कर्ज माफ किए जाएं। इसके साथ किसानों को लोन दिया जाए और जो किसानों के आढ़तियों के पास स्टाम्प रखे हुए हैं, उन्हें वापस करवाया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण आज किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। किसान आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार ने जो मांगें मानी थीं उन्हें आज तक पूरा नहीं किया गया है। किसान जब मांगों को लेकर दिल्ली जाना चाहते थे तो उन्हें हरियाणा में बाॅर्डर पर रोक लिया गया। उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए। इसमें युवा किसान शुभकरण शहीद हो गया था।