शिमला, 27 अगस्त (हप्र)
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत विपक्ष के वाकआउट से हुई। विपक्षी दल भाजपा ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर नियम 67 के तहत लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की अनुमति न मिलने के विरोध में सदन से वाकआउट किया।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन में शोकोद्गार के तुरंत बाद कानून व्यवस्था का मामला उठाते हुए कहा कि विपक्ष ने इस मुद्दे पर नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव का नोटिस किया है और सरकार तुरंत सदन का सारा कामकाज रोककर प्रदेश में बिगड़ रही कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा करवाए। उन्होंने बद्दी की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि दो गुटों में पैसे के लेनदेन को लेकर झगड़ा हुआ, जिसमें एक युवक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसी घटना आज से पहले कभी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था लगातार बिगड़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में ड्रग माफिया, खनन माफिया, कांट्रेक्ट माफिया और वन माफिया पूरी तरह सक्रिय है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की बिगड़ी स्थिति पर सदन में तुरंत चर्चा की जाए।
संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव का यह कहते हुए विरोध किया कि भाजपा विधायकों ने नियम 130 के तहत कानून व्यवस्था पर चर्चा दे रखी है। इसलिए इस मुद्दे पर नियम 67 के तहत चर्चा का कोई औचित्य नहीं है।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने इस मुद्दे पर व्यवस्था देते हुए कहा कि वह इस मामले को सत्र के दौरान बाद में चर्चा के लिए लाएंगे और फिलहाल वह विपक्ष के नियम 67 के तहत लाए गए चर्चा के नोटिस को रद्द कर रहे हैं।
इसके बाद पूरा विपक्ष अपनी सीटों पर खड़ा हो गया और बाद में नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चला गया।
कंगना के बयान पर तपी विधानसभा
मंडी संसदीय क्षेत्र से सांसद व अभिनेत्री कंगना रणौत द्वारा किसानों को लेकर दिए गए बयान पर मंगलवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में जोरदार हंगामा हुआ। इस दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हंगामे के बीच विधानसभा ने कंगना के बयान को लेकर उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया। कंगना रणौत का मामला सदन में उस समय गूंजा, जब विपक्षी दल भाजपा ने सदन से वाकआउट किया। संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान ने विपक्ष के वाकआउट की निंदा करते हुए कहा कि वास्तव में उसे प्रदेश में कानून व्यवस्था नहीं, बल्कि कंगना रणौत द्वारा किसानों को लेकर दिए गए बयान पर चर्चा करनी चाहिए थी। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भी हर्षवर्धन के प्रस्ताव का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि देश के किसान और बागवान कंगना के बयान से बहुत गुस्से में हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी संसदीय कार्यमंत्री के प्रस्ताव का समर्थन किया और कहा कि वास्तव में विपक्ष को इस मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए थी।
ड्रग माफिया पर चर्चा लाना शर्मनाक : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्ष द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने पर कहा कि बद्दी में हुई घटना ड्रग माफिया के दो गुटों के बीच की घटना है और विपक्ष द्वारा ड्रग माफिया से जुड़ी इस घटना पर सदन में चर्चा लाना शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि इनमें से एक गैंग हरियाणा से जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि ड्रग माफिया से जुड़े लोगों की मौत पर सदन में चर्चा नहीं होनी चाहिए, क्योंकि सदन उच्च परंपराओं और नियमों से चलता है। उन्होंने कहा कि गुंडों पर इस विधानसभा में चर्चा हो, ऐसा पहली बार हो रहा है।
विपक्ष का निकला दिवाला : मुकेश
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विपक्ष द्वारा कानून व्यवस्था पर स्थगन प्रस्ताव लाने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि विपक्ष का दिवाला निकल गया है। उन्होंने कहा कि दो गैंग की लड़ाई पर विपक्ष स्थगन प्रस्ताव ला रहा है, जो निंदनीय है।