शिमला, 27 अगस्त (हप्र)
लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि हमीरपुर से मंडी के बीच बन रहे एनएच-70 की हालत सुधारने के लिए सरकार जल्द ही दोनों जिलों के उपायुक्तों की एक कमेटी बनाएगी। यह कमेटी इस निर्माणाधीन एनएच के कारण जलशक्ति विभाग की पेयजल योजनाओं को हुई क्षति को तुरंत ठीक करने और योजनाओं को बहाल करने तथा इस सड़क को यातायात को सुचारू बनाने के लिए कदम उठाएगी। वह मंगलवार को विधानसभा में नियम 62 के तहत विधायक चंद्रशेखर द्वारा लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे।
विक्रमादित्य सिंह ने माना कि इस एनएच का काम गुणवत्ता मानकों पर सही नहीं हुआ है। कई स्थानों पर सड़क का निर्माण के लिए 90 डिग्री की कटिंग की गई है, जिस कारण भूस्खलन की घटनाएं अधिक हो रही हैं और इन घटनाओं से दर्जनों मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं या होने के कगार पर हैं। उन्होंने कहा कि गलत निर्माण विधि के कारण 55 मकान गिरने के कगार पर हैं। इनमें से 48 मकानों के नीचे सुरक्षा दीवार लगा दी गई है और शेष मकानों को बचाने के प्रयास जारी हैं।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि इस एनएच का निर्माण विश्व बैंक की सहायता से मोर्थ द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण का मामला मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में केंद्रीय भूतल मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष भी उठाया गया है। उन्होंने कहा कि इस एनएच का निर्माण ग्रीन नेशनल हाईवे कोरिडोर के तौर पर हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह मामला केंद्र सरकार के क्षेत्राधिकार में है और मंडी की सांसद कंगना रणौत को इस मामले को केंद्र सरकार और लोकसभा में उठाना चाहिए।
इससे पहले, विधायक चंद्रशेखर ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से मामला उठाते हुए कहा कि हमीरपुर से मंडी के बीच बन रहे एनएच-70 के कारण हमीरपुर, भोरंज, सरकाघाट, धर्मपुर और मंडी विधानसभा क्षेत्रों के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस सड़क निर्माण के कारण कई स्थानों पर घर गिरने की कगार पर हैं और पेयजल योजनाएं भी क्षतिग्रस्त हो रही हैं। यही नहीं, सड़क की खस्ता हालत के कारण अनेकों दुर्घटनाएं हो रही हैं और गलत निर्माण के कारण हो रहे भूस्खलन के चलते कई हिस्सों पर महीनों से यातायात बाधित है।