समराला, 27 अगस्त (निस)
समराला तहसील के सभी कर्मचारियों और पेंशनर संगठनों द्वारा सेंट्रल बॉडी के आह्वान पर बिजली कंप्लेंट सेंटर खन्ना रोड पर कनवीनर सिकंदर सिंह की अध्यक्षता में विशाल रोष धरना दिया गया। धरने को संबोधित करते हुए विभिन्न नेताओं ने कहा कि पंजाब सरकार बार-बार मीटिंगों का बहाना बनाकर टालमटोल की नीति पर चलकर पेंशनरों और मुलाज़िमों के साथ धोखा कर रही है। पंजाब सरकार द्वारा वेतन आयोग की सिफारिशों के विपरीत जाकर पेंशनरों को 2.59 गुणांक की बजाय 2.44 देकर उस समय का डीए 119 प्रतिशत की बजाय 113 प्रतिशत मानकर वेतनमान संशोधित कर जनवरी 2016 से रिटायर हुए पेंशनरों के साथ बहुत बड़ा धोखा किया गया है। इसके अलावा, 12 प्रतिशत डी.ए. जो बकाया पड़ा है, जिसे पड़ोसी राज्यों ने अपने मुलाज़िमों और पेंशनर्स को दे दिया है, नहीं दिया जा रहा। पक्की भर्ती नहीं की जा रही, अस्थायी मुलाज़िमों को पक्का नहीं किया जा रहा। पुरानी पेंशन बहाल करने का वादा करके आई यह सरकार अपने वादे से पीछे हट चुकी है। डी.ए. की किस्तों का बकाया लंबित है।
आज के धरने और रैली को संबोधित करने वालों में राम सिंह कालड़ा माछीवाड़ा, इंजीनियर प्रेम सिंह पूर्व एस.डी.ओ., जगतार सिंह प्रेस सचिव, संगत सिंह सेखों टी.एस.यू. नेता, गुरबख्शीश सिंह पेंशनर, मेघ सिंह जवंदा अध्यक्ष, विजय कुमार शर्मा, राजिंदरपाल वडेरा पूर्व डिप्टी सी.ए.ओ., हरपाल सिंह सिहाला, जंग सिंह गढ़ी, चरणजीत सिंह पूर्व सी.एच.टी., अशोक कुमार, कुलवंत सिंह तरक, जसवंत सिंह ढंडा, इंजीनियर दर्शन सिंह वित्त सचिव, दर्शन सिंह कोटाला प्रमुख रूप से शामिल थे। धरने के उपरांत सभी पेंशनरों और मुलाज़िमों द्वारा बाज़ार में रोष रैली कर मार्च किया गया, जो मेन चौक समराला में पंजाब सरकार का पुतला फूंकने के बाद समाप्त हुआ। इस मौके पर कनवीनर सिकंदर सिंह और मेघ सिंह जवंदा ने बताया कि 3 सितंबर को पंजाब के सभी मुलाज़िम और पेंशनर संगठन विधानसभा का घेराव करने के लिए चंडीगढ़ पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि अगर पंजाब सरकार ने अपना रवैया नहीं बदला तो पंजाब में स्थानीय निकाय चुनावों और उपचुनावों में सरकार को सबक सिखाया जाएगा। आज के धरने में महिलाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया।