सोलन, 27 अगस्त (निस)
देश के जाने-माने मशरूम वैज्ञानिक और दुनिया को ढींगरी की प्लुरोटस सजोर-काजू प्रजाति देने वाले वैज्ञानिक डॉ. सीएल जंदैक दुनिया से विदा हो गए। वह 79 वर्ष के थे। उनके परिवार में पत्नी, एक बेटा और दो बेटियां हैं। हिमाचल प्रदेश में मशरूम को बढ़ावा देने, वैज्ञानिक स्वरूप प्रदान करने और मशरूम क्रांति लाने वाले डॉ. सीएल जंदैक का नाम देश में अग्रिम पंक्ति के मशरूम वैज्ञानिकों में लिया जाता है।
डॉ. सीएल जंदैक का जन्म शिमला जिला के चौपाल क्षेत्र के छोटे से गांव कलावन में 18 अप्रैल, 1945 को हुआ था। उन्होंने शिमला जिला के सरकारी स्कूल देहा से प्रारंभिक शिक्षा ली। इसके बाद 1967 में एग्रीकल्चर कॉलेज सोलन, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
पीएचडी की पढ़ाई के दौरान उन्होंने इंडियन फाइटोपैथोलॉजिकल सोसायटी (दिल्ली जोन) के काउंसलर का चुनाव लड़ा और जीता। उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तब पहचान मिली जब 1974 में उन्होंने पहली बार मशरूम की प्रजाति प्लुरोटस सजोर-काजू मशरूम की प्रजाति ईजाद की। यह विज्ञान के क्षेत्र में ऐतिहासिक साबित हुआ जिसने विश्व स्तर पर प्लुरोटस उत्पादन में क्रांति ला दी। डॉ.जंदैक डॉ. यशवंत सिंह परमार यूनिवर्सिटी नौणी में प्रोफेसर रहे। यहां उन्होंने विभिन्न पदों पर 1975 से वर्ष 2005 तक अपनी सेवाएं दी।