प्राचीन समय से चांदी के आभूषणों का प्रचलन रहा है जो आज भी महिलाओं-युवतियों को प्रिय है। इसकी वजह एक तो कम कीमत है, ऊपर से चांदी में मौजूद औषधीय गुण भी हैं। इस धातु के गहने रक्त संचार बेहतर करने के साथ ही मानसिक सेहत को संवारने वाले माने जाते हैं। संध्या सिंह
इन दिनों फैशन के बाजार में सोने, प्लेटिनियम और हीरे से ज्यादा चांदी के आभूषणों की मांग है। नई पीढ़ी दूसरों से अलग और ज्यादा एथनिक दिखने के लिए इन दिनों चांदी के आभूषणों को खूब पहन रही है। लेकिन बाजार में गहनों की मांग के पीछे दो वजहें और भी हैं। एक तो ये हीरे और सोने के मुकाबले काफी सस्ते हैं, वहीं दूसरी वजह तन और मन की सेहत है। शायद चांदी के स्वास्थ्य के साथ इस रिश्ते की ही वजह है कि करीब-करीब सभी आरंभिक सभ्यताओं में लोग चांदी के गहनों को पहनते थे।
चांदी में औषधीय गुण
चांदी को प्राचीनकाल से ही उपचारात्मक गुणों से भरपूर माना जाता रहा है। यही वजह है कि मोहनजोदड़ो जैसी प्राचीन सभ्यता में भी चांदी के आभूषणों के निशान पाये गये हैं। दरअसल, चांदी के आभूषण हमें कई तरह की तन और मन की कमजोरियों व परेशानियों से बचाते हैं। इस विषय पर हुए कई अध्ययन बताते हैं कि चांदी के गहने पहनने से तन और मन दोनों को बहुत फायदे होते हैं। शायद यही वजह है कि इन दिनों चांदी के गहनों की बाजार में खूब मांग है। चांदी एक शक्तिशाली और रोगाणुरोधी एजेंट है। यह संक्रमण से लड़ने में मदद करती है, साथ ही सर्दी और फ्लू की रोकथाम, घाव भरने और बहुत सी दूसरी समस्याओं में भी मददगार है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि चांदी के गहने पहनने से हमारा मूड संतुलित रहता है और शरीर में ऊर्जा का स्तर बेहतर रहता है।
ब्लड सर्कुलेशन में सहायक
चांदी के गहने पहनने से हमारे रक्त संचार में सुधार होता है। शरीर का तापमान संतुलित रहता है और चांदी अपने गुणों के कारण स्वच्छता और प्रतिरक्षा को बनाये रखने में मददगार होती है। यही वजह है कि चांदी का हजारों औषधियों में इस्तेमाल होता है। चांदी के विभिन्न चिकित्सा उपकरण भी शरीर के लिए उपयोगी होते हैं। चांदी हमारी रक्तवाहिकाओं को लचीला बनाती है। साथ ही यह हड्डियों के निर्माण और उपचार के साथ त्वचा के रख-रखाव में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
विषैले पदार्थों की पहचान
चांदी के गहने कुछ समय तक पहनने के बाद ही हम देखते हैं कि वे नीले पड़ जाते हैं। दरअसल, इनका नीला,पीला या मटमैला पड़ना हमारे शरीर की विभिन्न रासायनिक प्रतिक्रियाओं का नतीजा होता है। एक तरह से चांदी के गहने हमें यह बताते हैं कि हमारे शरीर में किस तरह से विषैले पदार्थों की मौजूदगी बढ़ गई है और डिटॉक्सीफिकेशन जरूरी है। अगर पहने हुए चांदी के गहने नीले पड़ जाते हैं तो पता चलता है कि शरीर में सोडियम बढ़ गया है। चांदी के गहनों का यह रंग देखकर हमें याद आ जाता है कि हमें नमक और नमकीन स्नैक्स कम खाने हैं।
बेहतर नींद में सहायक
कुछ लोग बेहतर नींद पाने के लिए चांदी के अस्तर वाले स्लीप मास्क पहनते हैं या लैपटॉप पर काम करते हुए चांदी के अस्तर वाले दस्ताने पहनते हैं ताकि शरीर में इलेक्ट्रॉनिक संकेतों के संचरण को बाधित किया जा सके। इससे हमें बेहतर नींद आती है, क्योंकि हमारी नींद को इन दिनों सबसे ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक संकेत बाधित करते हैं।
फैशन फ्रेंडली बनी चांदी
हाल के सालों में फैशन डिजाइनरों ने चांदी की इस महत्ता को जानकर, इसे तरह तरह के फैशन में शामिल किया है ताकि लोग अपने पारंपरिक पोशाक पहने हुए भी अनेक तरह के स्वास्थ्य लाभ ले सकें। दरअसल चांदी के स्वास्थ्य लाभों को एक विशिष्ट वैज्ञानिक आधार है, जो इसकी विद्युतीय और तापीय चालकता से प्राप्त होता है। चांदी से मानसिक शांति, चांदी के आभूषण पहनने से ध्यान लगाने, योग करने तथा माइंडफुलनेस जैसी गतिविधियों में फायदे होते हैं। हाल के सालों में इस तथ्य को विभिन्न अध्ययनों और निरीक्षणों से साबित किया है। लोगों ने पाया है कि चांदी का स्पिनर रिंग पहनने से जिसमें एक बाहरी बैंड होता है, मन को बेहद शांति और शरीर को तरोताजगी मिलती है। वास्तव में चांदी के इस ‘चिंता आभूषण’ से लोगों को बेचैनी और तनाव को कम करने में बहुत मदद मिलती है। लोगों ने पाया है कि अगर कोई परेशान व्यक्ति चांदी की अंगूठी पहनना शुरू कर देता है, तो उसमें चिंता और तनाव दोनों ही कम हो जाते हैं।
इस बात का भी ध्यान रखें
चांदी के यूं तो कई सिद्ध स्वास्थ्य लाभ हैं। लेकिन चांदी संवेदनशील त्वचा वाले लोगों में एलर्जी भी पैदा कर देती है। ऐसे लोगों को चांदी के आभूषण पहनने से साइड इफेक्ट हो सकते हैं। त्वचा में जलन और त्वचा के रंग में बदलाव भी चांदी के चलते हो सकता है, इसलिए अगर चांदी आपको सूट न करे, उससे आपको एलर्जी हो तो चांदी के आभूषण न पहनें।
-इ.रि.सें.