नयी दिल्ली, 28 अगस्त (एजेंसी)
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए बुधवार को 28,602 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश से 10 राज्यों में 12 नए औद्योगिक शहरों की स्थापना को मंजूरी दी। इस घोषणा के साथ ऐसे शहरों की कुल संख्या 20 हो जाएगी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में लिए गए इस अहम फैसले की जानकारी दी। बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। ये औद्योगिक शहर पंजाब के राजपुरा-पटियाला, उत्तराखंड के खुरपिया, महाराष्ट्र के दिघी, केरल के पलक्कड़, उत्तर प्रदेश के आगरा एवं प्रयागराज, बिहार के गया, तेलंगाना के जहीराबाद, आंध्र प्रदेश के ओर्वकल एवं कोपर्थी, राजस्थान के जोधपुर-पाली और हरियाणा में स्थित होंगे। इन औद्योगिक शहरों की परिकल्पना छह प्रमुख गलियारों के करीब रणनीतिक रूप से की गई है। इन शहरों को वैश्विक मानकों के नए स्मार्ट शहरों के रूप में विकसित किया जाएगा। बताया गया कि इन शहरों के गठन से करीब 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार और नियोजित औद्योगिकीकरण के माध्यम से 30 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होने का अनुमान है। इन औद्योगिक शहरों की स्थापना की परिकल्पना वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में पेश की गई थी। आठ औद्योगिक शहर पहले से ही कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। चार शहरों- धोलेरा (गुजरात), ऑरिक (महाराष्ट्र), विक्रम उद्योगपुरी (मध्य प्रदेश) और कृष्णपट्टनम (आंध्र प्रदेश) में उद्योगों के लिए भूमि आवंटन का काम चल रहा है। इनके अलावा कर्नाटक के तुमकुरु, आंध्र प्रदेश के कृष्णपट्टनम, हरियाणा के नांगल चौधरी और उत्तर प्रदेश के दादरी (ग्रेटर नोएडा) में सरकार की विशेष इकाई (एसपीवी) सड़क संपर्क, पानी और बिजली आपूर्ति जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण की प्रक्रिया में है।
6,456 करोड़ से तीन रेल परियोजनाएं
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 6,456 करोड़ रुपये की कुल अनुमानित लागत वाली तीन रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी है। रेल मंत्रालय के अनुसार, इन परियोजनाओं से दूर-दराज के इलाकों को आपस में जोड़कर ढुलाई संबंधी दक्षता में सुधार लाने, मौजूदा लाइन क्षमता बढ़ाने और परिवहन नेटवर्क का विस्तार करने के साथ-साथ आपूर्ति शृंखला को सुव्यवस्थित किया जा सकेगा जिससे तेजी से आर्थिक विकास होगा। ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ जैसे चार राज्यों के सात जिलों में लागू की जाने वाली तीन परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 300 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी। इन परियोजनाओं के साथ 14 नए स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा।