नयी दिल्ली (एजेंसी)
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर आक्रोश जाहिर करने के साथ ही इस पर अंकुश लगाने का आह्वान करते हुए बुधवार को कहा कि बस! बहुत हो चुका। राष्ट्रपति ने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत ऐसी विकृतियों के प्रति जागरूक हो और उस मानसिकता का मुकाबला करे जो महिलाओं को कम शक्तिशाली, कम सक्षम और कम बुद्धिमान के रूप में देखती है। मुर्मू ने विशेष लेख में कहा, ‘महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के लिए, कुछ लोगों द्वारा महिलाओं को वस्तु के रूप में देखने की यही मानसिकता जिम्मेदार है। अपनी बेटियों के प्रति यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनके भय से मुक्ति पाने के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करें।’ नौ अगस्त को कोलकाता के एक अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और उसकी हत्या का जिक्र करते हुए ‘स्तब्ध और व्यथित’ राष्ट्रपति ने कहा कि इससे भी अधिक निराशाजनक बात यह है कि यह महिलाओं के खिलाफ अपराधों की शृंखला का हिस्सा है। राष्ट्रपति ने लिखा, ‘राष्ट्र का आक्रोशित होना निश्चित है, और मैं भी आक्रोशित हूं।’ मुर्मू ने कहा, ‘छात्र, डॉक्टर और नागरिक जब प्रदर्शन कर रहे हैं तो उस समय भी अपराधी अन्यत्र शिकार की तलाश में घात लगाए हुए हैं। पीड़ितों में छोटी-छोटी स्कूली बच्चियां तक शामिल हैं।’