कैथल, 28 अगस्त (हप्र)
नगर परिषद के कांग्रेस समर्थित पार्षदों ने शहर में लगाई गई तिरंगा लाइट में व एलईडी लाइटों के लिए खरीदे गए सामान में भारी अनियमितताओं का आरोप लगाया है। पार्षदों ने कहा कि इस बारे में हाउस की बैठक में भी मुद्दा उठाया जा चुका है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जांच के लिए कमेटी तक नहीं गठित की गई है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए वार्ड नंबर-चार से पार्षद महेश गोगिया, वार्ड नंबर-28 से पार्षद मोहन लाल शर्मा, वार्ड नंबर -11 से पार्षद सुशीला शर्मा ने कहा कि शहर में 250 तिरंगा लाइट लगाई गई हैं। इन लाइटों का करीब 19 लाख रुपये का बिल बना है, जबकि पिहोवा में 225 लाइट लगी हैं, जिनका बिल करीब नौ लाख रुपये बना है। ऐसे में नौ लाख रुपये से ज्यादा का गोलमाल लाइटों की खरीद-फरोख्त में किया गया है। इसी प्रकार एलईडी लाइट को लगाने के लिए जो सामान खरीदा गया है, उसकी कीमत बेहद कम है और लाखों रुपये का बिल बनाया गया है। इसकी जांच को लेकर वे कई बार हाउस की बैठक में भी मांग कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इस दौरान वार्ड नंबर 18 से पार्षद एवं पूर्व नप चेयरमैन रामनिवास मित्तल, वार्ड नंबर 21 से पार्षद अनिल शोरेवाला, वार्ड नंबर सात से पार्षद विजय गर्ग, वार्ड नंबर-12 से पार्षद बलजीत, वार्ड नंबर-पांच से पार्षद प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
गोशाला का बेचा जा रहा सामान
वार्ड नंबर-21 से पार्षद अनिल शोरेवाला ने आरोप लगाया कि माडल टाउन गोशाला को जींद रोड स्थित नई गोशाला में शिफ्ट किया जा रहा है, लेकिन यहां जो पुराना सामान है, उसे बेचा जा रहा है। करीब पांच लाख रुपये की तो तूड़ी तक बेच डाली है। मांग के बावजूद प्रशासन की तरफ से इस बारे में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। वहीं वार्ड नंबर-18 से पार्षद रामनिवास मित्तल ने कहा कि शहर में बेसहारा गोवंशों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। आए दिन हादसे हो रहे हैं। इन गोवंश को शिफ्ट करने की बात नगर परिषद की तरफ से कही गई थी, लेकिन आज तक भी यह समस्या शहर से दूर नहीं हो पाई है। पार्षदों ने आरोप लगाया कि चेयरपर्सन ने नियमों को ताक पर रखकर नगर परिषद क्षेत्र से बाहर सैलर की तरफ जाने वाली सड़क पर सीमेंट के ब्लाक लगा दिए जिनकी कीमत करीब तीन करोड़ रुपये है, जबकि यह क्षेत्र नगर परिषद से बाहर का है।
सारे आरोप बेबुनियाद : सुरभि गर्ग
इस बारे में जब नगर परिषद की चेयरपर्सन सुरभि गर्ग से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ये सारे आरोप बेबुनियाद हैं। राजनीति से प्रेरित होकर ये आरोप लगाए जा रहे हैं। सभी विकास कार्य नियमानुसार और टेंडर प्रक्रिया के तहत हुए है। इन पार्षदों के पास न तो कोई तथ्य है और ना ही किसी आरोप के कोई दस्तावेज हैं।