बहादुरगढ़, 28 अगस्त (निस)
दिल्ली जल बोर्ड के कर्मचारी दीपक मांझी के अपहरण और हत्या के मामले में बुधवार सुबह पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ का मामला सामने आया है। इस दौरान दोनों तरफ से गोलियां चलीं। मुठभेड़ के बाद पुलिस ने 3 बदमाशों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। आरोपियों के पास से पुलिस को 3 अवैध पिस्तौल भी बरामद हुए हैं।
बुधवार सुबह करीब साढ़े 5 बजे बहादुरगढ़ सीआईए-2 के इंचार्ज रविंद्र मलिक व उनकी टीम को सूचना मिली कि 3 बदमाश हथियारों से लैस होकर बहादुरगढ़ से बराही रोड पर जा रहे हैं। बराही रोड पर ड्रेन के पास जब पुलिस ने तीनों की घेराबंदी की तो बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी बदमाशों पर गोलियां चलाई, जिससे तीनों बदमाश घायल हो गए। तीनों के पैर में गोली लगी। पुलिस ने घायल बदमाशों को इलाज के लिए बहादुरगढ़ के ट्राॅमा सेंटर में भर्ती करवाया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान रोहद गांव निवासी सुनील, अंकित और दहकौरा गांव निवासी विकास के रूप में हुई है। बहादुरगढ़ के एसीपी क्राइम प्रदीप नैन ने बताया कि इन बदमाशों पर 10 दिन पहले दिल्ली जल बोर्ड के कर्मचारी दीपक मांझी के अपहरण और हत्या का मामला दर्ज हुआ था। जिस वक्त यह अपहरण हुआ, दीपक मांझी पेपर देने के लिए सांपला आया हुआ था। वहीं से 4 बदमाशों ने उसका अपहरण कर लिया था। दीपक के परिजनों से बदमाशों ने 5 लाख रुपए की फिरौती भी मांगी थी। जब बदमाश फिरौती लेने पहुंचे थे तो पुलिस ने घेराबंदी कर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था, वहीं ये 3 आरोपी मौके से फरार हो गए थे। इसी बीच आरोपियों ने दीपक मांझी की गला दबा कर हत्या कर दी थी और रोहतक के कारोर गांव के पास से निकल रही माइनर में हाथ पैर बांधकर फेंक दिया था। तभी से ये बदमाश पुलिस के राडार पर थे। फिलहाल तीनों घायलों को पीजीआईएमएस रोहतक रेफर किया गया है। तीनों के स्वस्थ होने पर न्यायालय में पेश कर पुलिस उन्हें पूछताछ के लिए रिमांड पर लेगी।