फरीदाबाद, 29 अगस्त (हप्र)
फरीदाबाद में हुए दिल्ली के निर्भया कांड जैसे मामले में फरीदाबाद कोर्ट ने आरोपी को मौत की सजा सुनाई है। आरोपी ने दुष्कर्म के बाद महिला के प्राइवेट पार्ट में रॉड डालकर व चुन्नी से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी। इस मामले में अतिरिक्त सेशन जज पुरुषोत्तम कुमार की कोर्ट ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई। करीब दो साल चले इस केस में दोनों तरफ से कुल 22 गवाह पेश किए गए। सेशन जज ने यह टिप्पणी करते हुए फांसी की सजा सुनाई कि मानसिक दिव्यांग महिला से दुष्कर्म कर हत्या उसकी करना जघन्य अपराध है। इसमें माफी नहीं दी जा सकती।
क्या था मामला
नवंबर 2022 में सेक्टर-आठ थाना क्षेत्र में हत्या का मामला दर्ज किया गया था। केस के मुताबिक सेक्टर-आठ थाना क्षेत्र में रहने वाली महिला मानसिक दिव्यांग थी। वह अपने पति को बिना बताए घर से निकल गई थी। घर से निकलने के बाद महिला का संपर्क बाटा चौक के पास रहने वाले मनोज नेपाली से हुआ। मनोज नशा करने का आदी था। वह छीना झपटी और नशाखोरी करता था। मनोज दुष्कर्म के इरादे से महिला को बाटा रेलवे स्टेशन से सेक्टर-सात में बने खंडहर पार्क में ले गया। वहां न सिर्फ उसने महिला से दुष्कर्म किया, बल्कि उसके प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड डालकर व चुन्नी से उसका गला घोंट दिया।
नहीं मिला गवाह, केवल मिली सीसीटीवी फुटेज
मामले में सरकारी अधिवक्ता सुरेश चौधरी ने कहा कि इस घटना का कोई चश्मदीद गवाह नहीं था। ऐसे में पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मुजरिम तक पहुंची। दोषी ने महिला के साथ जाते हुए गुरुद्वारे के सामने माथा टेका था, जिसके बाद पुलिस ने मनोज नेपाली को गिरफ्तार किया।