जोगिंदर सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 30 अगस्त
पंजाब विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में नाम वापसी के बाद अब प्रधान पद के लिये 9 उम्मीदवार चुनाव मैदान में रह गये हैं। सचिव पद के लिये कुल चार उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं जबकि उप-प्रधान के लिये पांच और संयुक्त सचिव पद के लिये कुल छह उम्मीदवार ताल ठोक रहे हैं। अंबेडकर स्टूडेंट्स फोरम (एएसएफ) ने पहली बार अलका को प्रधानी के उतारा है। अर्पिता मलिक एबीवीपी, प्रिंस चौधरी सीवाईएसएस, राहुल नैन एनएसयूआई, तरुण सिद्धू सोई, साराह शर्मा पीएसयू ललकार, अनुराग दलाल एनएसयूआई के बागी सिकंदर बूरा की ओर से आजाद उम्मीदवार और मुकुल, मनदीप सिंह भी अध्यक्ष के लिये चुनाव लड़ रहे हैं। उप-प्रधान पद के लिये एबीवीपी के अभिषेक कपूर, एनएसयूआई के अर्चित गर्ग, सत्थ के करणदीप सिंह, सीवाईएसएस के बैनर तले यूएसओ के करण भट्टी के अलावा शिवानी भी चुनाव लड़ रही हैं। इसी तरह से सचिव पद के लिये शिवनंदन रिखी एबीवीपी, सीवाईएसएस के बैनर तले इनसो के विनीत यादव, एनएसयूआई की ओर से पारस पराशर और बागी सिकंदर बूरा के प्रधान कैंडीडेट के साथ तालमेल करके सोपू के जश्नप्रीत सिंह चुनाव मैदान में हैं। संयुक्त सचिव पद के लिये पुसू की ओर से एकमात्र पद पर चुनाव लड़ रहे अमित बंगा, सीवाईएसएस के बैनर तले एचपीएसयू के रोहित शर्मा, एनएसयूआई के यश कपासिया, आईएसओ के तेजस्वी दलाल, एबीवीपी के जस्सी राणा के अलावा एबीवीपी छोड़कर एचएसए ज्वाइन करने वाले शुभम भारद्वाज भी ताल ठोक रहे हैं।
सीवाईएसएस भी ले आयी पूरा पैनल
पंजाब की आम आदमी पार्टी के छात्र विंग युवा छात्र संघर्ष समिति (सीवाईएसएस) ने प्रिंस चौधरी को अध्यक्ष पद के लिये खड़ा किया है। आज अन्य छात्र संगठनों के साथ तालमेल करते हुए सीवाईएसएस ने यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन के करण भट्टी को उप-प्रधान के लिये, इनसो के विनीत यादव (यूआईएलएस) को सचिव और एचपीएसयू के रोहित शर्मा (होटल मैनेजमेंट) को संयुक्त सचिव के ओहदे पर खड़ा किया है। बताया जा रहा है कि सीवाईएसएस धरातल पर काफी देर से काम कर रही है और उनके साथ पार्टी के अनुभवी लोग रणनीति बनाने में लगे हैं। चंडीगढ़ में मेयर होने और पंजाब में सरकार होने से उनके पास संसाधनों की कोई कमी नहीं है जिससे वे हर तरह का जोड़-तोड़ कर सकने में सक्षम है। छात्रों में भी पार्टी की अच्छी पकड़ बतायी जा रही है। 2022 के चुनाव में सीवाईएसएस ने आयुष खटकड़ के रूप में प्रधानी जीत कर अपने चुनावी प्रबंधन कौशल का प्रमाण दे दिया था। यूएसओ का उम्मीदवार पिछले साल एक हजार से ज्यादा वोट ले गया था और अर्श कंबोज ने इसी से उत्साहित होकर सबसे पहले अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी थी। इनसो और एचपीएसयू का भी हरियाणा और हिमाचल आधारित एक वोट बैंक है।
कैंपस से लगभग गायब सोई ने भी लगायी ताकत
आपसी फूट और विद्रोह की शिकार शिरोमणि अकाली दल के छात्र विंग स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन आफ इंडिया (सोई) भी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। कई माह से गायब दिख रही सोई के मैंबर कैंपस में पिछले दो दिन से एक्टिव हुए हैं। सोई के मैंबरों ने आज स्टूडेंट सेंटर पर एक बड़ा जमावड़ा किया। पीयू के सीनेटर और सोई के नेता सिमरनजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि सोई अपने अध्यक्ष पद के उम्मीदवार तरुण सिद्धू को जिताने के लिये जी-जान एक कर देगी। उनके साथ आये सोई के करण चीमा और भीम वड़ैच ने भी छात्रों ने जोश भरा। सिमरन ढिल्लों ने कहा कि दूसरी पार्टियों से सोई में आये गोविंद रंधावा, प्रीत जस, सीरत, श्रुतिका, वैभव गुप्ता और साक्षी समेत दर्जनों छात्र नेताओं के आने सोई और मजबूत होगी। उन्होंने साफ किया कि वे किसी भी पार्टी के साथ न तो कोई तालमेल करेंगे और न ही किसी से कोई मोल-भाव करेंगे। हालांकि उन्होंने सोपू के नेताओं को छोड़कर वोटरों से समर्थन की उम्मीद अवश्य जतायी। सोपू गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई व संपत नेहरा की वजह से काफी विवादों में है। तरुण सिद्धू को यूआईईटी से होने का लाभ मिल सकता है क्योंकि यूआईईटी ही पीयू का सबसे बड़ा विभाग है।
एबीवीपी के सचिव आरव का पर्चा रद्द, 6 विभागों में डीआर जीते
छात्र संघ चुनाव के लिये एबीवीपी के सचिव पद पर खड़े आरव सिंह का आवेदन हाजिरी कम होने के चलते रद्द हो गया। आनन-फानन में पार्टी की ओर से शिवनंदन को सचिव पद के लिये चुनाव मैदान में उतारना पड़ा। इसे एबीवीपी के लिये एक झटका माना जा रहा है। हालांकि एबीवीपी के 6 विभागों में खड़े डिपार्टमेंटल रिप्रेजेंटेटिव (डीआर) ने निर्विरोध जीत दर्ज की है। परविंदर नेगी ने कहा कि यह जीत एबीवीपी के छात्रों के प्रति समर्पण और उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए मुद्दों की स्वीकृति को दर्शाती है। छात्रों के बीच संगठन की लोकप्रियता और उनके समर्थित नीतियों की व्यापक स्वीकृति ने इस परिणाम को संभव बनाया है। जीतने वाले विभागीय प्रतिनिधियों (डीआर) में शुभम राणा (इतिहास), खुशी शर्मा (संस्कृत), चाहत गोत्र (वनस्पति विज्ञान), आरुषि (अर्थशास्त्र),भानु प्रताप सिंह रोहिला (लोक प्रशासन), हिमांशु (हिंदी) शामिल हैं। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने इस अवसर पर सभी छात्रों को धन्यवाद दिया जिन्होंने उनके उम्मीदवारों का समर्थन किया। प्रधान पद के लिये अर्पिता मलिक को पार्टी ने मैदान में उतारा है। अर्पिता पूर्व सीनेटर प्रो. नीरू मलिक की बेटी हैं। पार्टी ने उप-प्रधान अभिषेक कपूर, सचिव शिवनंदन और संयुक्त सचिव के लिये जसविंदर सिंह राणा उर्फ जस्सी राणा को चुनावी समर में उतारा है।