नयी दिल्ली, 30 अगस्त (एजेंसी)
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने संसद के दोनों सदनों में आसन और विपक्षी सांसदों के बीच अक्सर होने वाली नोकझोंक की पृष्ठभूमि में कहा है कि गहन संसदीय सुधारों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शीर्ष न्यायपालिका से अस्थायी आधार पर पीठासीन अधिकारियों की सेवा लेने पर विचार किया जा सकता है। तिवारी ने कहा कि इस तरह की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं और यह लोकतांत्रिक व्यवस्था में पीठासीन अधिकारियों की भूमिका पर फिर से विचार करने की जरूरत है। एक बातचीत में तिवारी ने कहा, ‘लोकसभा अध्यक्ष एक विशेष राजनीतिक दल से होते हैं और यदि उन्हें फिर से निर्वाचित होना है तो उन्हें अपने राजनीतिक दल से टिकट मांगना होगा। आप चाहे कितना भी ईमानदार और निष्पक्ष होने का प्रयास करें, लेकिन खुद का अस्तित्व बनाए रखने की एक स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है।’ तिवारी का कहना था कि ब्रिटेन में वर्तमान स्पीकर को दोबारा चुनाव से गुजरना नहीं पड़ता क्योंकि कोई भी उसके खिलाफ उम्मीदवार नहीं खड़ा करता है। उन्होंने कहा, ‘शायद समय आ गया है कि शीर्ष न्यायपालिका के पीठासीन अधिकारियों को एक विशेष अवधि के लिए दूसरे पद पर नियुक्त किया जाने पर विचार हो।’ चंडीगढ़ से लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘हर कोई आसन का सम्मान करता है, लेकिन इसके साथ-साथ यह भी जरूरी है कि उसे स्वतंत्र रूप से और निडर होकर अपनी बात रखने का मौका दिया जाए।’