मुंबई, 30 अगस्त (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों में 31 अरब डॉलर से अधिक का निवेश हुआ है। ‘एंजल टैक्स’ को समाप्त करना भी इस क्षेत्र की वृद्धि की दिशा में एक कदम है।
उन्होंने नियामकों से साइबर धोखाधड़ी की जांच के लिए अतिरिक्त उपाय करने को कहा, जिसका स्टार्टअप पर बुरा असर हो सकता है। एंजल कर (30 प्रतिशत से अधिक की दर से आयकर) का मतलब वह आयकर है जो सरकार गैर-सूचीबद्ध कंपनियों या स्टार्टअप द्वारा जुटाई गई धनराशि पर लगाती है…यदि उनका मूल्यांकन कंपनी के उचित बाजार मूल्य से अधिक है। प्रधानमंत्री पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और फिनटेक कन्वर्जेंस काउंसिल द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (जीएफएफ) 2024 को संबोधित कर रहे थे। मोदी ने कहा कि भारत में वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र द्वारा लाया गया बदलाव केवल प्रौद्योगिकी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका सामाजिक प्रभाव दूरगामी है।’
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस कार्यक्रम में कहा, ‘आज भारत डिजिटल भुगतान में वैश्विक नेता के रूप में खड़ा है, यह उपलब्धि सक्रिय नीति निर्माण को नवाचार तथा प्रौद्योगिकी प्रगति के साथ जोड़कर हासिल की गई है।’