पिंजौर, 31 अगस्त (निस)
केंद्र सरकार द्वारा बजट में चंडीगढ़-बद्दी रेल लाइन परियोजना के लिए 300 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिससे इस लाइन के निर्माण कार्य में तेजी आएगी। यह रेल लाइन हरियाणा के लगभग 25 किलोमीटर तक पिंजौर ब्लॉक के लगभग 42 गांवों सूरजपुर, धमाला, लोहगढ़, खेड़ा, बसोला, टांडा जोलूवाल, नाकपुर, कौना, मढ़ांवाला से होते हुए हिमाचल के शीतलपुर स्थित कंटेनर डिपो केंदूवाला होते हुए संडोली तक पहुंचेगी। इसमें हिमाचल प्रदेश के 9 गांव आते हैं। कुल 33.23 किलोमीटर लंबी यह रेल परियोजना वर्ष 2007 में घोषित हुई थी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 1540.14 करोड़ रुपये है। इसके लिए गत वित्तवर्ष में 452.50 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे। सूत्रों के अनुसार, यह रेल लाइन चंडीमंदिर रेलवे स्टेशन से शुरू होगी। चंडीमंदिर रेलवे स्टेशन का विस्तारीकरण कार्य चल रहा है। चंडीगढ़ से हिमाचल प्रदेश के उद्योगिक क्षेत्र बद्दी-बरोटीवाला जाने वाली रेल गाड़ियों के लिए चंडीमंदिर में अलग से लूप लाइन बिछाई जाएगी। अलग से रेल लाइन सूरजपुर तक सामानांतर बिछाई जाएगी। यह लाइन सूरजपुर के पुराने स्टेशन से अलग होकर पश्चिमी दिशा की ओर बद्दी के लिए निकलेगी। इस बीच पिंजौर-नालागढ़ नेशनल हाईवे पर स्थित पिंजौर ब्लॉक के गांव नानकपुर में एनएच की बाईं ओर नया रेलवे स्टेशन बनेगा। रेलवे की ओर से यहां काम जारी है। खेतों की जमीन अधिग्रहण कर रेल लाइन और स्टेशन के लिए लगभग 25 फुट उंचा प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है। निर्माण कंपनी द्वारा जमीन को समतल कर ट्रैक बनाने का काम पूरा कर रेल ट्रैक के लिए पत्थर भरान का कार्य चल रहा है। रास्ते में आने वाले नदी, नालों के उपर पुल भी बनाने का काम चल रहा है। यह प्रोजेक्ट वर्ष 2025 में पूरा होगा प्रोजेक्ट पूरा होने से बद्दी उद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले लगभग 7 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों, माल ढुलाई के लिए उद्योगों और स्थानीय ग्रामीणों को भी लाभ होगा। गौरतलब है कि बद्दी, नालागढ़ क्षेत्र में कई मल्टीनेशनल कंपनियों के बड़े प्लांट हैं, फार्मा सेक्टर के लिए यह क्षेत्र तो मानो हब है।
ऐसे में बद्दी-अमृतसर-कोलकाता गलियारे से जुड़ने का इस पूरे उतरी क्षेत्र को फायदा होगा यह क्नेक्टिविटी औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने में भी सहायक होगी। अब उद्योगों को कच्चा माल लाने, तैयार माल को अन्य राज्यों में भेजने के लिए सड़क मार्ग के अलावा रेलवे का भी विकल्प मिलेगा। इससे लागत कम होगी और मुनाफा बढ़ेगा। रेल नेटवर्क से इस उतरी क्षेत्र में व्यापार व रोजगार के भी नए अवसर पैदा होंगे।