दिनेश भारद्वाज/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 31 अगस्त
चुनाव आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम में बदलाव कर दिया है। अब प्रदेश में एक अक्तूबर के बजाय 5 अक्तूबर को मतदान होगा। मतगणना 4 के बजाय 8 अक्तूबर को होगी। वहीं, जम्मू-कश्मीर में मतदान पुराने कार्यक्रम के अनुसार ही होगा, लेकिन नतीजों की घोषणा हरियाणा के साथ की जाएगी। यानी जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के लोगों को नयी सरकार के लिए अब चार और दिन का इंतजार करना होगा।
हरियाणा की सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दल इनेलो की ओर से मतदान की तारीख बदलने की मांग की गई थी। वहीं, कांग्रेस और अन्य पार्टियों ने इसका विरोध किया था। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली की ओर से चुनाव आयोग को पत्र लिखकर यह आशंका जताई गई थी कि पहली अक्तूबर को मतदान करवाने से वोटिंग प्रतिशत गिर सकता है।
चुनाव के लिए नोटिफिकेशन पहले की तरह 5 सितंबर को ही जारी होगा। इसी दिन से नामांकन पत्र जमा करवाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। सभी 90 सीटों के लिए 12 सितंबर तक नामांकन पत्र दाखिल हो सकेंगे। 13 सितंबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 17 सितंबर नामांकन पत्र वापसी की आखिरी तारीख तय की गई है।
भाजपा की थी यह दलील : पहली अक्तूबर को मंगलवार के दिन मतदान होना था। इससे पहले शनिवार व रविवार की सरकारी छुट्टी और अगले दिन 2 अक्तूबर को गांधी जयंती के अवकाश के चलते आशंका थी कि कर्मचारी सोमवार की एक छुट्टी लेकर पांच दिन के लिए कहीं बाहर जाने का प्लान बना सकते हैं। ऐसे में वोटिंग प्रतिशत कम रहता।
बिश्नोई महासभा की थी आपत्ति : ऑल इंडिया बिश्नोई महासभा की ओर से भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा गया था कि दो अक्तूबर को राजस्थान के मुकाम (बीकानेर) में बिश्नोई समाज के मेले का आयोजन होना है। हरियाणा में बिश्नोई समाज के लोग मेले में भाग लेने के लिए एक दिन पहले यानी 1 अक्तूबर को ही रवाना हो जाएंगे। महासभा ने दलील दी थी कि पहली अक्तूबर को मतदान होता है तो समाज के लोग वोट देने से वंचित रह जाएंगे।