मुंबई, 1 सितंबर (एजेंसी)
महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के मुद्दे पर सियासी घमासान जारी है। रविवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (राकांपा-एसपी) सुप्रीमो शरद पवार और शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने घटना के विरोध में दक्षिण मुंबई स्थित हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया तक ‘महा विकास आघाडी’ (एमवीए) के मार्च का नेतृत्व किया।
एमवीए नेताओं ने प्रतिमा ढहने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की आलोचना की। ठाकरे ने गेटवे ऑफ इंडिया पर एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘क्या आपने (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की) माफी में अहंकार देखा? इसमें अहंकार की बू आ रही थी। एक उपमुख्यमंत्री मुस्कुरा रहे थे। इस गलती (प्रतिमा ढहने की घटना) को माफ नहीं किया जा सकता। महाराष्ट्र के लोग महान योद्धा के अपमान को कभी माफ नहीं करेंगे।’ शरद पवार ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का गिरना भ्रष्टाचार का एक उदाहरण है। यह सभी शिवाजी प्रेमियों का अपमान है। कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि प्रधानमंत्री ने राज्य में होने वाले चुनाव को ध्यान में रखते हुए माफी मांगी है।
‘जोड़े मारो आंदोलन’ (चप्पलों से मारो) के दौरान ठाकरे ने शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस नेताओं के साथ मिलकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार के पोस्टर पर चप्पलें मारीं।
औरंगजेब-अफजल के कारनामे दोहरा रहे उद्धव : शिंदे
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवाजी की प्रतिमा गिरने की घटना पर राजनीति करने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना की। शिंदे ने कहा कि कांग्रेस शासित कर्नाटक में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को दो जेसीबी से उखाड़ दिया गया। उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए शिंदे ने कहा, ‘महाराष्ट्र के लोगों ने दो साल पहले उन्हें उनकी जगह दिखा दी। आप छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम लेते हैं, लेकिन औरंगजेब और अफजल खान के कारनामे दोहराते हैं।’ उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लोग विपक्षी दलों को सबक सिखाएंगे।