जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 1 सितंबर
पूर्व उप-प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के परिवार का जींद जिले के साथ 1993 में जुड़ा चुनावी रिश्ता इन विधानसभा चुनावों में भी कायम रहेगा। इस पर चौधरी देवीलाल की तीसरी और चौथी पीढ़ी के दो सदस्य खुद मोहर लगा रहे हैं। चौधरी देवीलाल ने 23 मार्च 1986 को जींद की धरती पर समस्त हरियाणा सम्मेलन से जींद के साथ अपना मजबूत राजनीतिक रिश्ता कायम किया था। उनका जींद का समस्त हरियाणा सम्मेलन प्रदेश के राजनीतिक इतिहास की सबसे बड़ी रैली के रूप में आज भी दर्ज है। चौधरी देवीलाल को जो राजनीतिक ताकत जींद के समस्त हरियाणा सम्मेलन से मिली थी, उसके दम पर उन्होंने पहले 1987 के विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ किया और 90 में से 85 सीटों पर चौधरी देवीलाल की लोकदल और उसकी सहयोगी भाजपा तथा दूसरे दलों के प्रत्याशी विजयी रहे थे। देवीलाल के परिवार ने जींद को उसके बाद अपनी राजनीतिक कर्मभूमि बना लिया था।
चौधरी देवीलाल के परिवार ने मई 1993 में नरवाना उप-चुनाव से जींद के साथ अपना सीधा चुनावी राजनीतिक रिश्ता जोड़ा। इस उप-चुनाव में चौधरी देवीलाल के बेटे ओमप्रकाश चौटाला ने चुनावी दंगल में ताल ठोंकी और उन्होंने कांग्रेस के युवा रणदीप सुरजेवाला को लगभग 20,000 मतों के अंतर से पराजित किया था। तब से 2019 के विधानसभा चुनाव तक चौधरी देवीलाल के परिवार का कोई न कोई सदस्य जींद जिले से चुनाव जरूर लड़ता रहा है। 1996, 2000 और 2005 में ओमप्रकाश चौटाला ने नरवाना से चुनाव लड़े। 2009 में ओमप्रकाश चौटाला ने नरवाना सीट के आरक्षित हो जाने के बाद जींद के उचाना कलां से किस्मत आजमाई और कांग्रेस नेता और भूपेंद्र हुड्डा सरकार के वित्त मंत्री बीरेंद्र सिंह को 500 मतों से पराजित किया। 2014 में ओमप्रकाश चौटाला जेबीटी भर्ती प्रकरण में जेल में थे, तब उनके पोते दुष्यंत चौटाला ने उचाना कलां से इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़ा। वे भाजपा की प्रेमलता से 8000 मतों से हार गए थे। 2019 में फिर दुष्यंत चौटाला ने उचाना कलां से जेजेपी की तरफ से भाजपा की प्रेमलता को 48000 मतों से हराया।
इन विधानसभा चुनावों मंे भी खम ठोकेगा देवीलाल परिवार
जींद जिले से चौधरी देवीलाल परिवार के 1993 में जुड़ा चुनावी रिश्ता इन विधानसभा चुनाव में भी कायम रहेगा। चौधरी देवीलाल के पौते और इनेलो महासचिव अभय सिंह चौटाला ऐलान कर चुके हैं कि उचाना कलां से इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला को विधानसभा चुनाव लड़वाने का उनका प्रयास रहेगा।
अगर ओमप्रकाश चौटाला को चुनाव लड़ने की परमिशन नहीं मिली, तो खुद अभय चौटाला उचाना कलां से चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। दूसरी तरफ उचाना से जेजेपी के वर्तमान विधायक और प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला दर्जनों बार कह चुके हैं कि वह उचाना से ही विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। उचाना हलके के जोरा सिंह को जजपा का नया जिला प्रधान भी उचाना के चुनावी दंगल में अपनी मजबूती के लिए बनाया है।
उचाना में बीरेंद्र सिंह परिवार से 3 बार सामना
उचाना के चुनावी दंगल में अब तक चौटाला और बीरेंद्र सिंह परिवार 3 बार आमने-सामने हो चुके हैं। इसमें दो बार चौटाला परिवार और एक बार बीरेंद्र सिंह परिवार के खाते में जीत आई है। 2009 में उचाना से ओमप्रकाश चौटाला ने बीरेंद्र सिंह को लगभग 500 मतों से हराया था, तो 2019 में दुष्यंत चौटाला ने उचाना से बीरेंद्र सिंह की धर्मपत्नी भाजपा प्रत्याशी प्रेमलता को 48 हजार मतों के बड़े अंतर से शिकस्त दी थी। 2014 में बीरेंद्र सिंह की धर्मपत्नी प्रेमलता ने दुष्यंत चौटाला को पराजित किया था।