प्रतिभा चौहान/ ट्रिन्यू
शिमला, 3 सितंबर
सेवारत और सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को वेतन एवं पेंशन के भुगतान पर अनिश्चितता जारी रहने के बावजूद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश में वित्तीय आपातकाल की विपक्ष की आशंकाओं को मंगलवार को खारिज कर दिया।
सुक्खू ने कहा, ‘वेतन नहीं रोका जा रहा, वित्तीय अनुशासन के कारण छोटी-मोटी दिक्कतें आ रही हैं।’ उन्होंने कहा कि विधानसभा में एक बयान दिया जाएगा कि पिछली भाजपा सरकार मुफ्त बिजली, पानी और 600 नये संस्थान खोलकर वित्तीय कुप्रबंधन के लिए कैसे जिम्मेदार थी। राज्य में 2.42 लाख कर्मचारी और 1.89 लाख पेंशनर हैं। कर्मचारियों का वेतन बिल लगभग 1200 करोड़ जबकि पेंशन के लिए 800 करोड़ की जरूरत है। करीब 86,589 करोड़ की देनदारी के साथ, हिमाचल देश का चौथा सबसे अधिक कर्जदार राज्य है।
राज्य सरकार द्वारा वित्तीय अनुशासन लाने के लिए पंजाब की तरह विभिन्न श्रेणियों के लिए अलग-अलग तारीखों पर वेतन और पेंशन के भुगतान करने की चर्चा दिनभर रही।
पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल दिवालिया होने की कगार पर है और गंभीर वित्तीय संकट है। उन्होंने कहा, ‘वे केंद्र से क्या मदद चाहते हैं? इस संकट से निपटना राज्य सरकार और सीएम की जिम्मेदारी है।’