दुनिया में फिजियोथैरेपी को दर्द को मैनेज करने के प्रभावी तरीके व राहतकारी उपचार के रूप में मान्यता मिल रही है। फिजियोथैरेपी दर्द मुक्ति का पैरा मेडिकल जरिया है, जिसमें दवाओं का या तो बिल्कुल इस्तेमाल नहीं होता या मामूली ही होता है। फिजियोथैरेपी से हम कई तरह के साइड इफेक्ट से बचे रहते हैं। इसी कारण नयी पीढ़ी का भरोसा भी फिजियोथैरेपी पर बढ़ रहा है।
रेखा देशराज
पहले दर्द को लेकर आम तौर पर सोच होती थी कि इससे छुटकारा पाना शायद संभव नहीं है। लेकिन उन्नत हुई मेडिकल सुविधाओं के तहत आज दर्द को आसानी से मैनेज किया जाता है। लेकिन हाल के दशकों में लोगों ने तब एक और बड़ी समस्या महसूस की, जब पाया कि दर्द को दवाओं से मैनेज करने का नतीजा यह होता है कि वह साइड इफेक्ट के जरिये हमें परेशान करता है। यही कारण है कि इन दिनों पूरी दुनिया में फिजियोथैरेपी को दर्द की सबसे कारगर औषधि के रूप में मान्यता मिल रही है।
साइड इफेक्ट नहीं
आज की अत्यधिक व्यस्त जीवनशैली में दर्द हमारी लाइफस्टाइल का हिस्सा हो गया है; क्योंकि कामकाज में बढ़ती मशीनी सुविधाओं के कारण व्यस्त और कार्यरत रहते हुए भी शारीरिक रूप से हमारी गतिविधियां सुस्त होती हैं। इसलिए बिना नियमित एक्सरसाइज किए, शरीर को जरूरी सक्रियता नहीं मिलती, जिस कारण ज्यादातर लोग शरीर के किसी न किसी हिस्से के दर्द से अकसर पीड़ित रहते हैं और इस दर्द से बचने के लिए अगर वे ज्यादा से ज्यादा दवाओं पर निर्भर रहते हैं, तो इसके कई तरह के साइड इफेक्ट परेशान करते हैं। जबकि फिजियोथैरेपी दर्द मुक्ति का एक ऐसा अर्धचिकित्सीय जरिया है, जिसमें दवाओं का या तो बिल्कुल इस्तेमाल नहीं होता या बहुत मामूली ही होता है। इस कारण फिजियोथैरेपी से हम कई तरह के साइड इफेक्ट से बचे रहते हैं। यही कारण है कि आज पूरी दुनिया में खासकर मॉर्डन कंप्यूटर लाइफस्टाइल से घिरे युवा, शरीर के विभिन्न किस्म के दर्दों से राहत पाने के लिए दवाओं से ज्यादा फिजियोथैरेपी पर भरोसा करते हैं।
फिजियोथैरेपी के महत्वपूर्ण होने की वजह
अगर आपके शरीर के किसी भी हिस्से में लगातार दर्द हो रहा है, तो सवाल है फिजियोथैरेपी क्यों चुननी चाहिए? इसकी पहली वजह तो यह है कि फिजियोथैरेपिस्ट दर्द को प्रबंधित करने में बेहतरीन ढंग से प्रशिक्षित होते हैं। यही कारण है कि उन्हें मूवमेंट डिसऑर्डर के इलाज में विशेषज्ञ माना जाता है। वे हमें दर्द से छुटकारा दिलाने और इसे अच्छी तरह से मैनेज करने का सबसे वैज्ञानिक और शरीर के अनुकूल तरीका सिखाते हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण और साइंटिफिक ढंग से डिजाइन किया हुआ तरीका, चोट से उबरने में इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें शारीरिक व्यायाम को बेहद वैज्ञानिक तरीका प्रदान किया जाता है, जो उपचार का जरिया बन जाता है।
फिजियोथैरेपिस्ट : भरोसेमंद उपचारक
फिजियोथैरेपिस्ट आपकी चोट का, आपकी दर्द की स्थिति का, गहराई से अध्ययन करके आपके व्यक्तिगत शरीर के अनुरूप रिकवरी योजना सुझाते हैं। जबकि मेडिकल प्रक्रिया में रोग के सैद्धांतिक उपचार पर जोर होता है, वहां आपके व्यक्तिगत चोट या शारीरिक संरचना का उतना ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता, जितना किसी दवा के सैद्धांतिक रूप से विकसित करने के सिद्धांत पर जोर होता है। फिजियोथैरेपी में किसी अन्य की बजाय आप खुद अपने उपचारक होते हैं। फिजियोथैरेपिस्ट तो एक तरह का निर्देश देता है और आप अपने शरीर की अनुकूल सहनशक्ति के मुताबिक उसका पालन करते हैं। इसमें खास तौरपर आपकी प्रकृति और प्रगति दोनों को ट्रैक किया जाता है। फिजियोथैरेपिस्ट को दरअसल दर्द नहीं बल्कि दर्द पैदा करने वाली स्थितियों का इलाज करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। यही वजह है कि खेल की चोटें, गठिया का दर्द, पीठ का दर्द, सिरदर्द और कई तरह के पुराने और लंबे समय से चले आ रहे दर्दों से राहत फिजियोथैरेपिस्ट दिला पाते हैं। खास तौरपर इसलिए भी कि इस तरीके में ज्यादा सहूलियत और नतीजा मिलता है, क्योंकि इसमें खुद आप अपने दर्द निवारण इलाज में फिजियोथैरेपिस्ट के निर्देशों के मुताबिक शामिल होते हैं। वे आपको सिखा देते हैं कि कैसे स्थितियों का प्रबंधन किया जाए। इसलिए फिजियोथैरेपी के चलते दर्द से छुटकारा पाना आसान होता है।
महंगे उपचार का सस्ता विकल्प
शल्य चिकित्सा और दूसरी महंगी चिकित्सा के मुकाबले फिजियोथैरेपी बहुत कम लागत में आपको ज्यादा सटीक नतीजा देती है। जिस दर्द का इलाज बड़े-बड़े अस्पतालों में आर्थोपेडिक विशेषज्ञ, रूमेटोलॉजिस्ट या न्यूरोलॉजिस्ट भारी-भरकम फीस और महंगी दवाओं के जरिये करते हैं, उन्हीं समस्याओं का प्रशिक्षित फिजियोथैरेपिस्ट बहुत कम कीमत पर नियमित एक्सरसाइज के जरिये इलाज करते हैं और दर्द, जकड़न और बेचैनी जैसी परेशानियों से कहीं ज्यादा स्थायी और सुकूनभरा नतीजा देते हैं।
दरअसल फिजियोथैरेपी एक सुरक्षात्मक प्रविधि है, जो हमें यह बताती है कि हम अपने शरीर के विभिन्न हिस्सों को किस तरह छुएं, किस तरह से उनकी मालिश करें, किस तरह की उन्हें थैरेपी प्रदान करें। यह वास्तव में बेहद कम जोखिमभरा इलाज का सुरक्षात्मक तरीका है। क्योंकि हम इस बात को बेहतर ढंग से जानते होते हैं कि हमारे शरीर का कोई हिस्सा सही नहीं है। इसलिए हमें इसकी चिंता करते हुए इसको हीलिंग टच देना होता है, जिससे यह तेजी से रिकवर होता है और हम दर्द व चोट, टूट-फूट की परेशानियों से राहत पाते हैं। फिजियोथैरेपी दरअसल स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाली तथा बीमारी को रोकने के लिए या ऐसे तरीकों से समस्या के निपटने का पुनर्वास उपचार है यानी इसके जरिये हम बिना अतिरिक्त और किसी साइड इफेक्ट पैदा करने वाली दवाओं या उनकी ऐसी मात्रा का उपयोग किए बिना अपनी शारीरिक परेशानी से छुटकारा पाते हैं। यह सबसे आदिम और प्राकृतिक तरीका है। यही वजह है कि आजकल पूरी दुनिया में खतरनाक साइड इफेक्ट वाली मेडिकल प्रैक्टिस की जगह फिजियोथैरेपी की मांग बढ़ी है।
-इ.रि.सें.