चंडीगढ़, 4 सितंबर (ट्रिन्यू)
कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची आने से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री व सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा का बड़ा बयान आया है। उनका बयान राजनीतिक गलियारों मुख्य रूप से कांग्रेसियों में चर्चाओं का विषय बन गया है। टिकटों को लेकर नई दिल्ली में पिछले दस दिनों से घमासान चल रहा है।
इस बीच सैलजा ने कहा कि टिकट वितरण में आखिरी फैसला पार्टी हाईकमान का होता है। यहां बता दें कि सैलजा ने भी कई हलकों से अपने समर्थकों की टिकट की सिफारिश के लिए पार्टी नेतृत्व को सूची दी है। इसी तरह की सूची राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला द्वारा भी देने की सूचना है। दिल्ली से जुड़े सूत्रों की मानें तो लोकसभा की तरह इस बार विधानसभा के टिकट आवंटन में भी हुड्डा खेमा का पलड़ा भारी रहने वाला है। बताते हैं कि हुड्डा ने अपने समर्थकों की मजबूत पैरवी की है।
हरियाणा में कांग्रेस बिना मुख्यमंत्री के चेहरे के चुनाव लड़ रही है। मुख्यमंत्री की दौड़ में हुड्डा के अलावा कुमारी सैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला और रोहतक सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम लिया जा रहा है। सैलजा विधानसभा चुनाव लड़ने का इजहार कर चुकी है, लेकिन नेतृत्व की ओर से अभी तक उन्हें हरी झंडी नहीं मिली है। इस बीच सैलजा ने मुख्यमंत्री के पद को लेकर भी बयान दिया है। उनका कहना है कि 36 बिरादरी में से किसी को भी मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। वह दलित वर्ग से भी हो सकता है। इशारों-इशारों में सैलजा ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बार मुख्यमंत्री पद की लड़ाई वे मजबूती के साथ लड़ने वाली हैं। नयी दिल्ली में मीडिया से बातचीत में सैलजा ने यह बात कही। राज्य की मौजूदा भाजपा सरकार के दस वर्षों के कार्यकाल पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि दस साल भाजपा का कुशासन रहा और पूरा प्रदेश जिस तरह से पिछड़ गया। कांग्रेस की सरकार आने पर अब हमें प्रदेश को आगे बढ़ाना है।