नयी दिल्ली, 4 सितंबर (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि सरकारों के प्रमुखों से ‘पुराने दिनों के बादशाह’ होने की अपेक्षा नहीं की जा सकती और हम सामंती युग में नहीं हैं। इसके साथ ही न्यायालय ने उत्तराखंड के वन मंत्री और अन्य की राय की अनदेखी करते हुए एक आईएफएस अधिकारी को ‘राजाजी टाइगर रिजर्व’ का निदेशक नियुक्त करने को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर भी सवाल खड़े किये। हालांकि, राज्य सरकार ने जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस पीके मिश्रा और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ को बताया कि भारतीय वन सेवा (आईएफएस) अधिकारी को इस अभयारण्य का निदेशक नियुक्त करने का आदेश तीन सितंबर को वापस ले लिया गया।
पीठ ‘जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व’ के पूर्व निदेशक आईएफएस अधिकारी राहुल को राजाजी टाइगर रिजर्व का निदेशक नियुक्त करने से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी। न्यायालय ने कहा कि प्रथम अधिकारी की ओर से एक विशेष नोटिंग की गयी थी कि राहुल को राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक के रूप में नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए और इसे उप सचिव, प्रमुख सचिव और राज्य के वन मंत्री ने भी मंजूरी दी थी। पीठ ने कहा, ‘इस देश में सार्वजनिक विश्वास जैसा कुछ सिद्धांत मौजूद है।’