कैथल, 4 सितंबर (हप्र)
ढांड स्थित भारतीय खाद्य निगम के बफर गोदाम में रेलवे स्पेशल के कार्य के दौरान गोदाम मैनेजर द्वारा दुर्व्यवहार और कथित धमकी देने के विरोध में श्रमिकों ने निगम कार्यालय में प्रदर्शन किया और मैनेजर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। श्रमिकों ने दो टूक चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मैनेजर के खिलाफ विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो श्रमिक भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी विभाग की होगी।
श्रमिक रघुवंश राज, रामचंद्र साहनी, राम सिंह, महिंद्र सिंह, सुरेश कुमार, राजेश कुमार, पुलिस चौधरी, रामआसरे, दूफा राम अन्य श्रमिकों ने कहा कि निगम बफर गोदाम ढांड में चावल के लदान के लिए 42 वेगन का रेलवे ट्रैक लगा हुआ है। गोदाम में एनडब्लूएनपी श्रमिक नियुक्त है, जो स्थाई तौर पर नियुक्त हैं। इनके महीने के जो कार्य होता है, वे पे रोल के अनुसार आती है। श्रमिकों का आरोप है कि गोदाम के मैनेजर भरत लाल मीणा ने श्रमिकों को धमकी दी है कि मेरा 10 व 15 दिन में ट्रांसफर हो जाएगा। जाते-जाते तुम श्रमिकों को इतना काम खराब करके जाऊंगा जो आज तक किसी प्रबंधक डिपो मैनेजर नहीं किया होगा।
श्रमिकों ने कहा कि बफर गोदाम ढांड में वर्ष 2012 में नोटिफिकेशन द्वारा एनडब्लूएनपी श्रमिकों की नियुक्ति हुई थी। 2012 से लेकर 2024 तक अभी कम से कम 20 श्रमिकों की मृत्यु हो गई है और कम से कम 35 व 40 श्रमिक रिटायर्ड हो गए है। उनकी जगह कोई श्रमिक नहीं लिया गया है।
उन्होंने कहा कि कम श्रमिकों से हम जितने कार्य पहले होता था उतना कार्य हमसे अब भी लिया जा रहा है। कम श्रमिक होने के कारण भी रेलवे विलंब शुल्क लगता है, वह भी हमारे वेतन से काट लिया जाता है। श्रमिकों को कार्य करने के दौरान अगर कोई चोट लग जाती है तो कोई मैडिकल सुविधा प्रदान नहीं की जाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि मैनेजर का कहना है कि यदि काम करते हुए श्रमिकों की टांग या बाजू टूट जाती है तो उनका कोई लेना-देना नहीं है। मुझे सिर्फ काम चाहिए। मैनेजर के श्रमिकों के प्रति इस व्यवहार को लेकर भारी आक्रोश है।
श्रमिकों को कार्य करने के लिए कहा था: मैनेजर
भारतीय खाद्य निगम ढांड के मैनेजर भरत लाल मीणा ने कहा कि उन्होंने श्रमिकों को फोन पर कार्य करने बाबत कहा था, इसके अलावा कोई बात नहीं हुई है। उनके द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद है।