भिवानी, 4 सितंबर (हप्र)
जब से हरियाणा बना है तब से भिवानीवासी पंजाबी समुदाय के लोगों को किसी भी राष्ट्रीय दल ने राजनीति में भागीदारी नहीं दी, जबकि पंजाबी समाज भिवानी में इतना सक्षम है कि यदि राष्ट्रीय पार्टी उन पर विश्वास करके टिकट दे तो वे उस विश्वास पर 100 प्रतिशत खरा उतरेंगे तथा उस सीट से जीत दर्ज करने का काम करेंगे, लेकिन अफसोस की बात है कि जनसंख्या के हिसाब से खासी हिस्सेदारी होने के बावजूद भी पंजाबी समुदाय के लोगों को राजनीति में तवज्जो नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि 1994 पहला ऐसा वर्ष था, जब पंजाबी समुदाय से उन समेत एक साथ 7 व्यक्ति पार्षद बने था तथा पार्षद बनकर पंजाबी समाज के लिए अध्यक्ष लेकर आए।
ऐसे में अब इतिहास को एक बार फिर से दोहराने का समय आ चुका है तथा पंजाबी समुदाय को स्वयं अपने राजनीतिक उत्थान के लिए कदम बढ़ाने होंगे।
सुरेश अरोड़ा ने कहा कि इस विधानसभा चुनाव में भी यदि कोई राष्ट्रीय दल पंजाबी समुदाय को टिकट नहीं देता है तो समुदाय को स्वयं ही कोई ठोस निर्णय लेना चाहिए तथा अपनी संख्या बल का परिचय देते हुए किसी क्षेत्रीय पार्टी से टिकट की मांग करनी चाहिए या फिर समुदाय से ही किसी अनुभवी व्यक्ति को निर्दलीय चुनावी मैदान में उतारना चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने समुदाय के लोगों से भी आह्वान किया कि यदि पंजाबी समुदाय से कोई भी व्यक्ति निर्दलीय या किसी पार्टी से चुनाव मैदान में उतरता है तो तन- मन- धन से सहयोग करे तथा समाज के प्रत्येक व्यक्ति को स्वयं को ही उम्मीदवार समझकर मदद करनी चाहिए।