तरुण जैन/हप्र
रेवाड़ी, 5 सितंबर
भाजपा प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही पार्टी में बगावत का दौर भी शुरू हो गया है। रेवाड़ी हलका से टिकट के प्रबल दावेदार भाजपा नेता सतीश खोला, प्रशान्त सन्नी व सतीश यादव ने निर्दलीय ताल ठोकने की घोषणा कर दी है। अभी और कौन-कौन बागी होंगे, इसका पता आजकल में लग जाएगा। रेवाड़ी हलका से इस समय पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता कै. अजय सिंह यादव के पुत्र चिरंजीव राव विधायक है। पिछली बार उन्होंने भाजपा के मजबूत प्रत्याशी व केन्द्रीय राज्य मंत्री राव इन्द्रजीत के कट्टर समर्थक सुनील यादव मूसेपुर को कड़े मुकाबले में मात्र 1300 वोटों के अंतर से हराकर जीत दर्ज की थी। चिरंजीव की जीत का श्रेय भाजपा से बागी होकर चुनाव मैदान में उतरे पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास को दिया गया था। इस बार सुनील मूसेपुर एक बार फिर जहां मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे थे, वहीं रणधीर सिंह कापड़ीवास, पीपीपी के स्टेट कॉर्डिनेटर सतीश खोला, जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन सतीश यादव, हरियाणा पर्यटन निगम के पूर्व चेयरमैन अरविन्द यादव, भाजपा के जिला उपाध्यक्ष अजय पाटौदा, जिला परिषद की उपचेयरमैन नीलम के पति अनिल रायपुर, प्रशान्त सन्नी भी दौड़ में शामिल थे। सुनील मूसेपुर, अजय पाटौदा व अनिल रायपुर को राव इन्द्रजीत सिंह समर्थक माना जाता है और इन्हें उम्मीद थी कि वे उनके सिर पर हाथ अवश्य रखेंगे। लेकिन ऐसा हो नहीं सका। भाजपा द्वारा जारी की गई सूची देखकर उक्त सभी दावेदारों के होश उड़ गए। इनमें से किसी एक की भी लॉटरी नहीं लगी बल्कि कोसली के वर्तमान भाजपा विधायक लक्ष्मण सिंह यादव को रेवाड़ी का टिकट थमा दिया गया। पार्टी हाई कमान का यह फैसला उक्त दावेदारों को नागवार गुजरा है। इनमें कुछ तो बागी होकर सामने आ गए है और कुछ के विरोध के स्वर देर-सवेर सुनाई दे सकते हैं।
बागी होने वालों में पहला नाम सतीश खोला का है। वे भाजपा के जिला अध्यक्ष और परिवार पहचान-पत्र के स्टेट कोआर्डिनेटर रहे चुके हैं। पिछले काफी दिनों से वे चुनाव की तैयारियों में लगे हुए थे। उन्हें राव विरोधी खेमे का माना जाता है। वे कोसली से भी चुनाव लड़ चुके हैं। सतीश खोला ने कहा कि उन्हें यह कहने में कोई गुरेज नहीं कि उनके साथ अत्याचार हुआ है। उन्होंने जितना काम पार्टी के लिए किया, प्रदेश में किसी ने नहीं किया। उन्होंने कहा कि वे 100 फीसदी निर्दलीय के तौर पर चुनाव मैदान में उतरेंगे। उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि वे भाजपा छोड़ने के बाद किसी अन्य पार्टी में नहीं जाएंगे।
दूसरा नाम जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन सतीश यादव का है। वे कभी राव इन्द्रजीत सिंह के खासमखास हुआ करते थे। लेकिन आजकल उनकी गिनती भी राव विरोधियों में होती है। वे रेवाड़ी हलका से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं। उन्हें सफलता तो नहीं मिली, लेकिन धमाकेदार उपस्थिति दर्ज कराई। सतीश यादव ने कहा कि वे निश्चित रूप से चुनाव लड़ेंगे। रविवार को कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई गई है जिसमें भावी रणनीति तय की जाएगी। बागी होने वालों में तीसरा नाम प्रशान्त सन्नी का है। वे मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर तीन वर्ष पूर्व भाजपा में आए थे। उन्होंने अपना पहला चुनाव इसी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय के तौर पर लड़ा था और जनसमर्थन का प्रदर्शन किया था। प्रशान्त सन्नी ने ऐलान किया है कि वे जनता की टिकट लेकर चुनाव मैदान में उतरेंगेजिसने भी उनकी टिकट कटवाई है, वह अहीरवाल का सबसे बड़ा दुश्मन है। उन्होंने सवाल किया कि कोसली के विधायक लक्ष्मण सिंह को रेवाड़ी से टिकट क्यों दी गई। यदि उन्होंने अच्छा काम किया था तो कोसली की जनता उन्हें वहां से जाने ही नहीं देती।
राव इन्द्रजीत सिंह ने लक्ष्मण सिंह को टिकट दिलाकर पार्टी में मौजूद अपने विरोधियों को तगड़ी मात दी है। रणधीर सिंह कापड़ीवास, अरविन्द्र यादव, सतीश खोला, सतीश यादव को उनका धुर विरोधी माना जाता है। लेकिन हैरत की बात यह है कि इन्हें झटका देते-देते राव अपने खासमखास सुनील मूसेपुर, अजय पाटौदा, अनिल रायपुर को भी खुड्डे लगा गए। इन सभी राव समर्थकों के कार्यालयों में यदि आप जाएंगे तो वहां मायूसी बिखरी मिलेगी। टिकट वितरण से पूर्व जहां इनके कार्यालयों व आवासों पर मजमा लगा रहता था, वहां अब सन्नाटा पसरा हुआ है।
टिकट से वंचित भाजपा के तीन बड़े नेताओं ने की गुप्त मंत्रणा
रेवाड़ी (हप्र) : रेवाड़ी विधानसभा क्षेत्र से कोसली के विधायक लक्ष्मण सिंह यादव को भाजपा द्वारा टिकट दिये जाने के बाद स्थानीय राजनीति में हडक़ंप मचा हुआ है। बृहस्पतिवार को टिकट से वंचित रहे हरियाणा पर्यटन निगम के चेयरमैन अरविन्द यादव के रेवाड़ी स्थित निवास पर उनकी मौजूदगी में पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास व जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन सतीश यादव के बीच गुप्त मंत्रणा हुई। एक-दो दिन में यहां की राजनीति में कोई बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। यह तिकड़ी क्या निर्णय लेगी, इस पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं। बैठक के बाद निवास से बाहर निकले इन नेताओं से जब बात की गई तो उन्होंने केवल इतना कहा कि जो भी होगा, अच्छा होगा। उन्होंने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि राव इन्द्रजीत सिंह विरोधी गुट के ये नेता किसी एक को समर्थन देकर चुनाव मैदान में उतार सकते हैं।
कोसली में भी सुनाई दिये बगावत के सुर, भाजपा से सामूहिक त्यागपत्र की दी चेतावनी
कोसली हलका से बिलकुल नये चेहरे व केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह यादव के समर्थक अनिल यादव डहीना को भाजपा का टिकट मिलने पर पार्टी में बगावत के सुर सुनाई देने लगे हैं। कोसली में वर्तमान भाजपा विधायक लक्ष्मण सिंह यादव को रेवाड़ी शिफ्ट कर दिये जाने के बाद कतार में खड़े पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं को इस बार टिकट मिलने की उम्मीद जगी थी। लेकिन राव इन्द्रजीत सिंह ने अनिल को टिकट दिलवाकर इनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। जिसके परिणामस्वरूप बृहस्पतिवार को कोसली में टिकट प्रबल दावेदारों में से एक व प्रदेश किसान मोर्चा के बड़े नेता रहे रामपाल यादव व उनके समर्थकों ने अनिल का विरोध करते हुए प्रदर्शन व नारेबाजी की। उन्होंने पार्टी से सामूहिक त्याग पत्र देने की भी चेतावनी दी है। कोसली के बेरली गांव में भाजपा कार्यकर्ताओं ने बैठक कर प्रत्याशी अनिल डहीना का विरोध जताया। किसान मोर्चा के पूर्व महामंत्री रामपाल यादव ने कहा कि कोसली में शीर्ष नेतृत्व की ओर से जिस केंडिडेट को उतारा गया है उसके प्रति भारी रोष है। लोकसभा चुनावों में भाजपा प्रत्याशी अनिल पर कांग्रेस सांसद दीपेन्द्र हुड्डा का बूथ संभालने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि वे कैसे सोच सकते हैं, कि जिस व्यक्ति ने लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की मदद की हो और हम उसके साथ खड़े हो जाए। उन्होंने कहा कि अगर नेतृत्व द्वारा कैंडिडेट को चेंज नहीं किया गया तो सभी सामूहिक रूप से इस्तीफा देंगे। उन्होंने कहा कि पंचायत करके किसी समर्पित कार्यकर्ता को चुनावी मैदान में उतारकर उसकी मदद करेंगे।