चंडीगढ़, 5 सितंबर (हप्र)
पंजाब में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ गयी हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में बृहस्पतिवार को ईंधन पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में क्रमश: 61 पैसे और 92 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है।
अगर चंडीगढ़ से लगे पंजाब के मोहाली की बात करें तो यहां पेट्रोल 97.01 रुपये प्रति लीटर और डीजल 87.21 रुपये प्रति लीटर है। पंजाब में पहले ही कीमतें चंडीगढ़ से ज्यादा है। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में पेट्रोल और डीजल की कीमतें क्रमशः 94.24 और 82.40 रुपये प्रति लीटर हैं। पेट्रोल पंप मालिकों ने आप सरकार के फैसले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इससे उनके कारोबार पर बुरा असर पड़ेगा। पिछले ढाई साल में तीसरी बार मान सरकार ने ईंधन की कीमतें बढ़ाई हैं। बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि वैट बढ़ाने से डीजल से 395 करोड़ रुपये और पेट्रोल से 150 करोड़ रुपये का राजस्व बढ़ेगा।
पंजाब में पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता मोंटी सहगल ने कहा कि इस फैसले से सीमावर्ती जिलोें में पेट्रोल और डीजल की बिक्री प्रभावित होगी। मोहाली स्थित पेट्रोल पंप के मालिक अश्विंदर सिंह मोंगिया ने कहा कि इस कदम से ईंधन की ‘तस्करी’ को बढ़ावा मिलेगा जिससे अंततः राज्य को कर राजस्व का नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में ईंधन पंजाब की तुलना में सस्ता है।
30 सितंबर तक किसानों को देंगे कृषि नीति मसौदा
चंडीगढ़ (रुचिका एम खन्ना) : पंजाब सरकार ने 1600 पन्नों की कृषि नीति का मसौदा तैयार कर उसे भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां और पंजाब खेत मजदूर यूनियन को 30 सितंबर तक भेजने पर सहमति जताई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई मैराथन बैठक के दौरान दोनों यूनियनों के दस नेताओं के समक्ष ये प्रस्ताव रखे गए। बताया जा रहा है कि एक बार गतिरोध के चलते मुख्यमंत्री बैठक छोड़कर चले गए। इसके बाद कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुुडियां, वित्त मंत्री हरपाल चीमा और बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ एवं कुछ अधिकारियों ने बातचीत की। बताया गया किसान शुक्रवार सुबह सेक्टर 34 के दशहरा मैदान में बैठक कर अगली रणनीति पर विचार करेंगे।
बिजली दर पर चन्नी सरकार के समय की कटौती वापस
मंत्रिमंडल ने बिजली दरों में तीन रुपये प्रति यूनिट की कटौती करने के पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के फैसले को वापस ले लिया है। इस कदम से राज्य सरकार के खजाने में प्रतिवर्ष 1,500-1,800 करोड़ रुपये की वृद्धि होने की उम्मीद है। हालांकि, पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि घरेलू श्रेणी के लिए प्रति माह 300 यूनिट मुफ्त बिजली की योजना जारी रहेगी। नवंबर, 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी नीत सरकार ने सात किलोवाट तक के ‘कनेक्टेड लोड’ वाले घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में तीन रुपये प्रति यूनिट की कटौती की थी।