लखनऊ, 5 सितंबर (एजेंसी)
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि शांति बनाए रखने के वास्ते सशस्त्र बलों को युद्ध के लिए तैयार रहने की जरूरत है। सिंह ने सेना, नौसेना और वायु सेना के शीर्ष कमांडरों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है और शांति बनाए रखने के वास्ते सशस्त्र बलों को युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए। रक्षा मंत्री ने यहां पहले संयुक्त कमांडर सम्मेलन में यूक्रेन और गाजा में जारी संघर्षों के साथ-साथ बांग्लादेश की स्थिति पर बात की और सेना से इन ‘घटनाक्रम’ का विश्लेषण करने का आह्वान किया।
उन्होंने भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए संयुक्त सैन्य दृष्टिकोण विकसित करने के महत्व पर भी जोर दिया। सिंह ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ चार साल से अधिक समय से जारी सीमा विवाद का भी जिक्र किया और स्थिति का गहन विश्लेषण करने पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘वैश्विक अस्थिरता के बावजूद भारत को शांति का फायदा मिल रहा है और वह शांतिपूर्ण तरीके से विकास कर रहा है। हालांकि बढ़ती चुनौतियों के कारण हमें सतर्क रहने की आवश्यकता है।’ सिंह ने कहा, ‘यह महत्वपूर्ण है कि हम अमृतकाल के दौरान शांति का माहौल बरकरार रखें। हमें अपने वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करने, वर्तमान में हमारे आसपास हो रही गतिविधियों पर नजर रखने और भविष्योन्मुखी होने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।’
उन्होंने अंतरिक्ष और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में क्षमता विकास पर जोर दिया। दो दिवसीय सम्मेलन बुधवार को शुरू हुआ था। सम्मेलन में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, नौसेना अध्यक्ष एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी और रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने भी शामिल हुए।