हिसार, 5 सितंबर (हप्र)
बरवाला क्षेत्र के किसान नेताओं ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर मांग की है कि सीएलयू कांड में फंसे नेताओं को टिकट न दी जाए। खड़गे को लिखे पत्र में किसान नेताओं और सिविल सोसायटी से जुड़े लोगों ने कहा कि भाजपा ने कुछ भ्रष्ट नेताओं को प्रत्याशी बनाया है, जिससे उनका मन विचलित हो गया, इसलिए वे यह पत्र लिख रहे हैं। किसान संगठन से जुड़े नवीन शर्मा, जसबीर चहल, विजेंद्र ऊर्फ धोला जेवरा, नवीन पूनिया, गोलू डाटा, प्रवीन नंबरदार ने पत्र में कहा कि भाजपा द्वारा जारी की गई उम्मीदवारों की लिस्ट में भ्रष्ट व्यक्तियों के नाम देखकर उनका मन विचलित हुआ है। हांसी सीट पर विनोद भ्याना को उम्मीदवार बनाया है। विनोद भ्याना के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई केस चल रहे हैं। 2009 से 2014 के बीच तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्य संसदीय सचिव रहे विनोद भ्याना, रामकिशन फौजी, विधायक जरनैल सिंह, स्वास्थ्य मंत्री राव नरेंद्र सिंह, विधायक नरेश सेलवाल ने सीएलयू करवाने के लिए, वक्फ बोर्ड की जमीन रिलीज करवाने के लिए तथा विधायक रामनिवास घोड़ेला ने सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत ईंट भट्टों पर बच्चों को पढ़ाने का काम एनजीओ को दिलवाने के लिए घूस की मांग की थी।
इस मामले के बारे में एक स्टिंग आपरेशन किया गया था। उस स्टिंग ऑपरेशन के आधार पर इनेलो ने 2014 में इन सबके खिलाफ भ्रष्ट आचरण की शिकायत लोकायुक्त से की थी। तत्कालीन लोकायुक्त ने 16 दिसंबर, 2015 को उपरोक्त सभी को भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत एसआईटी गठित करके जांच के आदेश दिए थे।
उन्होंने कहा कि 27 जुलाई, 2015 को तत्कालीन एडीजीपी एवं एसआईटी के इंचार्ज वी कामराजा ने इन सबको भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दोषी माना और इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की थी। जिसके आधार पर इन सबके खिलाफ मुकदमे स्टेट विजिलेंस ब्यूरो द्वारा दर्ज किए गए थे। विनोद भ्याना का पीए जेल में भी रहा और उसके खिलाफ हिसार में मुकदमा चल रहा है।
स्टिंग आॅपरेशन करने वाले धर्मेंद्र कुहाड़ ने कोर्ट में अपील लगाई हुई है, जिसमें उन्होंने विनोद भ्याना को दोषी मानकर कोर्ट की ओर से समन जारी करने की मांग की है। इस बारे में 6 सितंबर को सुनवाई होनी है, बाकी व्यक्तियों के खिलाफ मामला कोर्ट में लंबित है। उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्ट से पता चला है की कांग्रेस पार्टी इनमें से कुछ व्यक्तियों को टिकट देने जा रही है। कांग्रेस पार्टी पूरे देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चलाए हुए हैं। ऐसी स्थिति में अगर कांग्रेस पार्टी इनको टिकट देती है तो मजबूरन हमें भाजपा के साथ साथ कांग्रेस उम्मीदवारों के खिलाफ अभियान चलाना पड़ेगा।