नैरोबी, 6 सितंबर (एजेंसी)
केन्या में एक स्कूल के छात्रावास में आग लगने से 17 छात्रों की मौत हो गई। इस अग्निकांड में झुलसे 13 अन्य लोगों की हालत गंभीर है। इस विद्यालय में 14 साल तक की उम्र के बच्चे रहते हैं।
न्येरी काउंटी के आयुक्त पायस मुरुगु और शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि जिस छात्रावास में आग लगी थी, उसमें 150 से अधिक विद्यार्थी रहते थे। चूंकि इमारतें मुख्य रूप से लकड़ी के तख्तों से बनी हैं, इसलिए आग बहुत तेजी से फैली। नैरोबी में लकड़ी की बनी संरचनाएं आम हैं। देश के राष्ट्रपति विलियम रुटो ने इस खबर को भयावह बताया। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाएगा।’ शिक्षा मंत्रालय की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, केन्याई आवासीय विद्यालयों में आग लगना आम बात है। यह आग अक्सर मादक द्रव्यों के इस्तेमाल और क्षमता से अधिक लोगों के रहने के कारण लगती हैं। इन विद्यालयों में बड़ी संख्या में छात्र रहते हैं क्योंकि माता-पिता का मानना है कि इनमें रहने से उनके बच्चों का समय आने-जाने में व्यर्थ नहीं होता और उन्हें पढ़ाई के लिए अधिक समय मिल जाता है। आगजनी की कुछ घटनाएं कार्यभार अधिक होने या रहने की खराब स्थिति को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों द्वारा की गईं। राजधानी नैरोबी में 2017 में एक स्कूल में छात्रों द्वारा आग लगाने के कारण 10 छात्रों की मौत हो गई थी। स्कूल में आग लगने की सबसे घातक घटना 2001 में हुई थी जब माचकोस काउंटी में एक छात्रावास में आग लगने से 67 छात्रों की मौत हो गई थी।